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शहर के थोक बाजार को शिफ्ट करने 5 साल पहले कारोबारियों ने डूमरतराई में कई तरह की छूट के साथ दुकानें लीं। प्रशासन की सख्ती के बावजूद कारोबार वहां शिफ्ट नहीं किया। अभी भी राजधानी के घने इलाकों से ही थोक का कारोबार कर रहे हैं। अब वही कारोबारी कमल विहार में एक हजार दुकानों के लिए जगह मांग रहे हैं। कारोबारियों ने बाजार बसाने के लिए जगह भी पसंद कर ली है।
सोमवार को व्यापारियों ने रायपुर विकास प्राधिकरण को 5 करोड़ का चेक बतौर एडवांस देने की तैयारी कर ली है। डूमरतराई में थोक बाजार की शिफ्टिंग का प्लान शहर को ट्रैफिक जाम से राहत दिलाने के लिए बनाया गया था। छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड और नगर निगम ने वहां 616 बड़ी दुकानें बनाई। दुकानों को कारोबारियों ने खरीद लिया।
दुकान खरीदने की शर्त यही थी कि उन्हें यहीं से कारोबार करना होगा। पर ऐसा नहीं हुआ। मालिकाना हक मिलने के बाद शहर का एक भी थोक बाजार यहां शिफ्ट नहीं किया गया। डूमरतराई में हालांकि उन्होंने दुकानें खोली, उन सभी कारोबारियों की दुकानें शहर में भी पहले तरह की खुली हैं।
अब ज्यादातर कारोबारियों ने डूमरतराई की दुकानों को गोदामों में तब्दील कर दिया है। डूमरतराई में दुकानें लेने के बाद अब इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स और ट्रांसपोर्ट सहित कुछ और कारोबार करने वाले व्यापारियों ने कमल विहार में 1000 दुकानें खरीदने का प्रस्ताव रायपुर विकास प्राधिकरण को दिया है।
इन बाजारों की शिफ्टिंग के लिए दी गई है दुकानें
पेटीलाइन का बर्तन मार्केट : पेटी लाइन, एडवर्ड रोड और वहां से लगे नयापारा में बड़ी संख्या में होम एप्लायंस और स्टील के बर्तनों की दुकानें हैं। यहां के लगभग सभी थोक कारोबारियों को डूमरतराई में दुकानों का आवंटन किया गया है। लेकिन व्यापारियों ने उन दुकानों को गोदामों में तब्दील कर दिया है।
हार्डवेयर बाजार: स्टेशन रोड के लोहा और हार्डवेयर के बाजार को भी डूमरतराई में शिफ्ट करने की योजना फेल हो गई। डूमरतराई में दुकानों की कमी से यहां के अधिकतर कारोबारियों को वहां दुकानों का आवंटन ही नहीं हो सका। कुछ बड़े कारोबारियों को ही वहां दुकानें मिली। इस वजह से यह बाजार अभी भी स्टेशन रोड में ही काबिज हैं।
इन बाजारों को किया जाना था शिफ्ट
गुढ़ियारी थोक बाजार, गणेशराम नगर का फुटवेयर कारोबार, गोलबाजार और पेटी लाइन की सभी बर्तन दुकानें, रामसागरपारा से पूरा अनाज का कारोबार, गोलबाजार से मनिहारी की दुकानें, फूल चौक नयापारा की होम एप्लायंस का कारोबार, मर्चेंट एसोसिएशन की दुकानें, नयापारा की दुकानें सहित अलग-अलग इलाकों में चल रहीं मनिहारी की दुकानें शिफ्ट होनी थी।
29 करोड़ का सब्जी बाजार, फायदा नहीं
रायपुर कृषि उपज मंडी समिति ने थोक सब्जी, फल और आलू-प्याज के कारोबार को शहर से बाहर शिफ्ट करने के लिए तुलसी बाराडेरा में फल-सब्जी मंडी बनाई। 2008 में इसका काम पूरा हो गया। इस पर करीब 29 करोड़ रुपए खर्च किए गए। शहर से 18 किमी दूर होने के वजह से कारोबारियों ने वहां जाने से इंकार कर दिया।
शास्त्रीबाजार, टिकरापारा, फाफाडीह समेत कई जगहों के सब्जी बाजार अब तक वहां शिफ्ट नहीं किए गए। इसी तरह मंडी ने तुलसी बाराडेरा में 55 एकड़ में थोक फल और सब्जी मंडी बनाई थी। 2004-05 में नाबार्ड से लोन लेकर समिति ने 29 करोड़ रुपए में यह बाजार बनाया। फल बाजार की भी पूरी तरह से शिफ्टिंग नहीं हुई।
चैंबर की पहल पर इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स और ट्रांसपोर्ट कारोबारी शहर से बाहर शिफ्ट हो रहे हैं। इसके लिए आरडीए से 1000 दुकानें मांगी गई हैं।
योगेश अग्रवाल, चेयरमैन छत्तीसगढ़ चैंबर
एमजी रोड में इलेक्ट्रिकल कारोबारियों की संख्या बढ़ गई है। वहां गाड़ियों की पार्किंग बड़ी समस्या हैं। यही वजह है कि दुकानदारों ने कमल विहार जाने का फैसला किया है।
अमरदास खट्टर, रायपुर इलेक्ट्रिकल एसो.
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