राजधानी रायपुर के बूढ़ा तालाब धरनास्थल पर नौकरी की मांग को लेकर महिलाओं ने महा कफन यात्रा निकाली। इस दौरान महिलाएं सफेद कपड़े पहने हुई थीं और जिस तरह से लोग शवयात्रा में चलते हैं, उसी तरह से अर्थी लेकर चल रही थीं। उन्होंने काले रंग के घड़े में आग भी जलाकर रखी थी, जिससे धुआं निकल रहा था। जिसने भी महिलाओं को इस तरह से विरोध-प्रदर्शन करते हुए देखा, हैरान रह गया।
शव यात्रा के दौरान महिलाएं रघुपति राघव राजाराम भजन भी गाती हुई चल रही थीं। वे स्मार्ट सिटी की ओर बढ़ ही रही थीं कि तभी पुलिस ने उन्हें वहां बैरिकेड लगाकर रोक दिया। इसके बाद वे बीच सड़क पर ही बैठ गईं और जोर-जोर से रोने लगीं। वे बार-बार एक ही बात दोहरा रही थीं कि आज हम हमारे और अपने बच्चों के अरमानों का कफन लेकर निकले हैं। हम सरकार से गुहार लगाते हैं कि वे हमारी सुध लें, हमारी समस्या सुनें और हमें नौकरी दे।
दरअसल बूढ़ातालाब धरना स्थल पर महिलाएं लंबे समय से अनुकम्पा नियुक्ति की मांग को लेकर धरना दे रही हैं। ये वे महिलाएं हैं, जिनके पति पंचायत स्तर के स्कूलों में पढ़ा रहे थे। किसी की हादसे में मौत हो गई, तो किसी को बीमारी ने छीन लिया। अब इन महिलाओं का कहना है कि पति की जगह पर उन्हें सरकारी नौकरी दी जाए, लेकिन अफसरों ने नियम नहीं होने की वजह से इन्हें अनुकम्पा नियुक्ति नहीं दी है।
सरकार हमारी सुध ले- प्रदर्शनकारी महिलाएं
इन महिलाओं का कहना है कि हम घर कैसे चलाएं। जिन शिक्षकों का संविलियन हुआ है, उनके परिवार को सरकार ने अनुकम्पा नियुक्ति दे दी, हमारे पति भी तो पढ़ाते थे, तो फिर हमें क्यों परेशान किया जा रहा है, हमारी तकलीफ कोई नहीं समझ रहा। बता दें कि कुछ दिन पहले ये महिलाएं जल समाधि लेने के लिए बूढ़ा तालाब में कूदने की कोशिश कर रही थीं, जिसे पुलिस ने रोक दिया था। इससे कुछ दिन पहले एक प्रदर्शन के दौरान कुछ महिलाओं की तबियत भी बिगड़ गई थी और वे बेहोश होकर गिर गई थीं। जिसके बाद बेहोश महिलाओं को आनन-फानन में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मंगलवार को ही इन महिलाओं का समूह राज्यपाल अनुसुइया उइके से मिलकर भी आया है।
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