स्कूल बसों का संचालन सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के अनुसार ही किया जाएगा। बच्चों की सुरक्षा में जरा भी चूक होगी तो संबंधित स्कूल और बस संचालक के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार प्रत्येक स्कूल बस को छग मोटर यान नियम और उप नियमों के अनुसार पीला रंग में रंगा जाएगा तथा वाहन के सामने एवं पीछे स्कूल बस अंकित किया जाएगा।
स्कूल बस के पीछे भाग में दोनों ओर 9 इंच की एक पट्टी पर स्कूल का नाम पता एवं टेलीफोन मोबाइल नंबर अंकित किया जाएगा। स्कूल बस 12 वर्षों से अधिक पुरानी नहीं होगी। स्कूल बस में ओवरलोड नहीं होगी। बसों के खिड़कियों में समांतर जाली की व्यवस्था की जाएगी। प्रत्येक स्कूल बस में प्राथमिक उपचार पेटी एवं अग्निशमन यंत्र की व्यवस्था होगी। शुक्रवार को कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा एवं एसपी संतोष सिंह ने जिले में संचालित निजी विद्यालयों के बस संचालकों की बैठक लेकर बच्चों की सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी गाइडलाइन की जानकारी से अवगत कराया गया।
जरूरी प्रमाण पत्र रखना होगा, बैठक में दी जानकारी
संविदा वाहन के लिए मोटरयान अधिनियम अंतर्गत विहित उपयुक्तता प्रमाण पत्र प्राप्त करना होगा। प्रत्येक स्कूल बस में बीमा प्रमाण पत्र, प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र एवं कर्ज माफ होने का प्रमाण पत्र रखना होगा। स्कूल बस को विद्यालय के गेट में खड़ा नहीं किया जाएगा। इसके लिए निर्धारित स्टॉपेज सुनिश्चित करना होगा। प्रत्येक बस में आया एवं परिचालक अनिवार्य रूप से बस में मौजूद रहेगा।
लापरवाही बर्दाश्त नहीं
कलेक्टर ने कहा कि बच्चे की सुरक्षा प्राथमिकता से होनी चाहिए। बच्चे की सुरक्षा को लेकर किसी प्रकार की कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। किसी भी प्रकार से कोई चूक अथवा लापरवाही पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। बच्चे की सुरक्षा बेहद जरूरी है।
कैमरे की निगरानी में रखें
एसपी संतोष सिंह ने कहा कि बच्चे की सुरक्षा सबसे अहम है। कोई एक छोटी सी घटना से पूरे स्कूल की प्रतिष्ठा पर सवाल खड़ा हो जाता है। सभी निजी विद्यालयों को गाइडलाइन का पालन करने के साथ अपने स्तर पर बेहद सजगता से ध्यान रखना होगा। स्कूल परिसर को कैमरा की निगरानी में रखें।
इस गाइड लाइन का करना होगा पालन
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