नेशनल लोक अदालत का आयोजन शनिवार को किया गया। इसके लिए जिले में 39 खंडपीठ का गठन किया गया था, जिसमें लंबे समय से चले आ रहे विवादों का निपटारा हुआ। इसमें राजीनामा योग्य प्रकरणों में आपसी सहमति व सुलह समझौता से प्रकरण निराकृत किए गए।
नेशनल लोक अदालत में प्रकरणों के पक्षकारों की भौतिक तथा वर्चुअल दोनों ही माध्यमों से उनकी उपस्थिति में प्रकरण निराकृत किए गए। इसके अतिरिक्त स्पेशल सिटिंग के माध्यम से भी पेटी ऑफेंस के प्रकरणों का निराकरण किया गया।
नेशनल लोक अदालत में न्यायालयों में लंबित 1 हजार 941 प्रकरण निराकरण किए गए तथा राजस्व एवं प्रीलिटिगेशन के कुल 6 हजार 64 प्रकरणों निराकरण किया गया। न्यायालयों में लंबित मामलों में सिविल प्रकरणों में कुल 14 प्रकरणों का, क्लेम के कुल 19 मामले, जिसमें कुल एवार्ड राशि 1 करोड़ 33 लाख 17 हजार रुपए पारित की गई। राजीनामा योग्य आपराधिक कुल 208 प्रकरणों का एवं पेटी अफेंस के कुल 1 हजार 383 मामलों का निराकरण लोक अदालत के माध्यम से किया गया।
जमीन क्रय-विक्रय के मामले भी सुलझाए
न्यायालय में लंबित प्रभात विरूद्ध लक्ष्मीनारायण जो कि वर्ष 2021 से लंबित था, जो कि जमीन क्रय-विक्रय के संबंध का था। जिसका वाद मूल्य 80 लाख रुपए था। जिस पर 2 लाख 70 हजार 300 रुपए कोर्ट फीस वादी द्वारा अदा की गई थी। मामले में वादी एवं प्रतिवादी के मध्य सुलह समझौता कराया गया। इस तरह प्रकरण में राजीनामा के आधार पर डिक्री पारित की गई। वादी को कोर्ट फीस की राशि 2 लाख 70 हजार 300 रुपए वापस किए जाने का आदेश भी पारित किया गया।
पक्षकारों का समझाइश देकर किया निराकरण
लोकनाथ यदु विरूद्ध शारदा देवी वगैरह जो कि वर्ष 2021 से लंबित था। जो कि वादी द्वारा 1800 वर्गफीट जमीन के क्रय के विवाद स्वरूप उत्पन्न हुए। मामले में जिसका कुल वाद मूल्य 34 लाख रुपए था। जिसके बयाना स्वरूप 3 लाख 40 हजार रुपए वादी ने प्रतिवादी को अदा किया था। जिसके उपरांत भी प्रतिवादी ने भूमि वादी के पक्ष में निष्पादन करने की कार्रवाई नहीं की। मामले में दोनों पक्षों को समझाइश देते हुए प्रकरण के निराकरण के लिए सहमत किया गया।
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