ट्रेनों से सफर करने वालों की समस्या खत्म नहीं हो रही है। रेलवे ने एक बार फिर 10 जुलाई तक 34 ट्रेनों को रद्द करने का आदेश जारी किया है। गुरुवार से सभी ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। इसमें राजनांदगांव-डोंगरगढ़ से होकर गुजरने वाली लोकल ट्रेनें भी शामिल हैं। गंभीर बात यह है कि यह लगातार चौथा महीना होगा जब लोकल ट्रेनों का संचालन ठप रहेगा।
अप्रैल, मई और जून के लगभग पूरे दिन लोकल ट्रेनें कैंसिल रही हैं। इसके बाद 10 जुलाई तक के लिए फिर आदेश जारी कर दिया गया है। हालात नहीं सुधरे तो ट्रेनों के कैंसिल होने की तारीख और आगे बढ़ सकती है। रेलवे के अफसरों ने बताया कि कोयला सप्लाई के लिए मालगाड़ी अधिक से अधिक संख्या मे चलाई जा रही है।
इसके के चलते दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में ट्रेनों को लगातार रद्द किया जा रहा है। रेलवे ने 10 जुलाई तक जिन ट्रेनों को रद्द करने आ आदेश जारी किया है, उसमें रायपुर-डोंगरगढ़ लोकल, जेडी पैसेंजर, डोंगरगढ़-बिलासपुर पैसेंजर से लेकर मेल और एक्सप्रेस ट्रेनें भी शामिल हैं।
लंबे समय से रद्द हो रही ट्रेनों का व्यापक असर पड़ने लगा है। सबसे अधिक समस्या दैनिक यात्रियों, विद्यार्थियों, नौकरीपेशा और दिहाड़ी मजदूरों को हो रही है, जो इन ट्रेनों से आसपास के शहरों में आवाजाही करते रहे हैं।
स्टूडेंट्स- नौकरीपेशा परेशान, टाइमिंग बिगड़ी: लोकल ट्रेनों के रद्द होने का असर सबसे अधिक स्टूडेंट्स व नौकरीपेशा लोगों पर पड़ रहा है। निजी व शासकीय कार्यालयों में कार्यरत कर्मचारी लोकल ट्रेनों से ही आवाजाही करते थे।
बड़ी संख्या में कर्मचारी भिलाई, दुर्ग और रायपुर से शहर आते हैं, वहीं इतनी ही संख्या में कर्मचारी दुर्ग, भिलाई और रायपुर तक नौकरी के लिए जाते हैं। ट्रेनों के रद्द होने की वजह से इन्हें बसों से आवाजाही करना पड़ रहा है। जो खर्चीला होने के साथ टाइमिंग को भी प्रभावित कर रही है। लोकल ट्रेनों के पहिए थमने से ऐसे लोग हलाकान हो गए हैं।
2 हजार दैनिक यात्रियों के सामने समस्या बरकरार
राजनांदगांव और डोंगरगढ़ स्टेशन से रोजाना करीबन 2 हजार यात्री लोकल ट्रेनों से सफर करते रहे हैं। रायपुर-बिलासपुर पहुंचने के लिए लोकल ट्रेनें बड़ा साधन रही हैं। लेकिन लंबे समय से ट्रेनों के रद्द होने की वजह से इनकी समस्या बरकरार है।
कई संगठनों ने लोकल ट्रेनों को बहाल करने की मांग उठाई थी, इसके बाद कुछ दिनों के लिए लोकल बहाल कर दी गई, लेकिन कुछ दिनों बाद ही रेलवे ने फिर ट्रेनों के कैंसिल करने आ आदेश जारी कर दिया। अब ऐसे यात्रियों के सामने बस-दुपहिया वाहन से आवाजाही के लिए अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं हैं।
रोजगार भी प्रभावित, ऑटो- वेंडर और कुली खाली
ट्रेनों का कैंसिल होने का सबसे बुरा असर स्टेशन के भरोसे रोजी रोटी चलाने वालों के सामने खड़ी हो गई है। लगातार लोकल से लेकर एक्सप्रेस ट्रेनें रद्द हो रही है। इससे स्टेशन के ऑटो स्टैंड से सवारी लेकर जाने वाले चालक खाली बैठे हुए हैं। कुलियों ने बताया कि यात्रियों की आवाजाही नहीं होने की वजह से उन्हें भी काम नहीं मिल रहा है। गिनती के ही यात्री इन दिनों स्टेशन में पहुंच रहे हैं। इससे उन्हें काम भी नहीं मिल पा रहा है। यही स्थिति स्टेशन के वेंडरों की है।
गिनती की चल रही ट्रेनों में भारी भीड़, जोखिम भरा सफर
शहर के स्टेशन में रुकने वाली ज्यादातर एक्सप्रेस ट्रेनें रद्द हैं, करीब 22 एक्सप्रेस ट्रेनों का स्टापेज स्टेशन में है ही नहीं। वहीं जो ट्रेनें स्टेशन में रुक रही है, उनसे यात्री जोखिम भरा सफर करने को मजबूर हैं। इन ट्रेनों की जनरल बोगियों में पैर रखने की जगह है। कोच पूरी तरह फुल होकर चल रहे हैं।
इसके बाद भी यात्री मजबूरी में इन कोच में जैसे तैसे चढ़कर यात्रा कर रहे हैं। जब तक लोकल ट्रेनों का संचालन बहाल नहीं होता, यही स्थिति बनी रहेगी। ऐसी स्थिति में यात्रियों को खतरा भी बना रहता है। लेकिन समय पर गंतव्य में पहुंचने के लिए लोग जोखिम उठाने से पीछे नहीं हट रहे।
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