ग्राम आरला में सोमवार को दिनभर गमगीन माहौल रहा। दिल्ली के छावला स्थित बीएसएफ के कैंप में पदस्थ जवान युवराज साहू (29 वर्ष) का शनिवार को आकस्मिक निधन हो गया। वे कुछ दिनों से अस्वस्थ थे। शनिवार को एम्स दिल्ली में उन्होंने अंतिम सांस ली। उनकी मौत की खबर आते ही गांव में मातम पसर गया।
सोमवार सुबह जब तिरंगे में लिपटा हुआ युवराज का पार्थिव शरीर घर के आंगन में पहुंचा तो चीख-पुकार मच गई। माता-पिता और भाइयों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। वहीं पूरे गांव के ग्रामीणों की आंखें नम हो गई। भारत माता के जयकारे के साथ अंतिम यात्रा निकाली गई। आरला के साथ आसपास के ग्रामीण भी यहां मौजूद रहे।
गांव के मुक्तिधाम में बीएसएफ के जवानों ने युवराज को शोक शस्त्र के साथ अंतिम सलामी दी। युवराज बीएसएफ में जवान के पद पर लगभग 2 साल से नौकरी कर रहे थे। जो कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे। उनके परिवार में युवराज पिता हेमनाथ साहू और माता के अलावा उनके दो छोटे भाई भी हैं। एक भाई टीका राम साहू ज़िला पुलिस में आरक्षक है। वहीं सबसे छोटा भाई कुलदीप अपने पिता के साथ कृषि कार्य करते हैं।
जहां की थी तैयारी, युवराज के नाम करें स्टेडियम
युवराज शुरू से ही ग्राम आरला के मिनी स्टेडियम में प्रतिदिन सुबह-शाम दौड़ लगाता था। मैदान पर विभिन्न प्रकार की कसरत, योगा, लंबी कूद, ऊंची कूद के लिए खुद ही सामग्री उपलब्ध कराकर करता था। वहां सतत अभ्यास करते रहता था। उसके साथ अन्य दोस्त भी आते थे। उनके दोस्त पहले अन्य पुलिस विभाग में नौकरी लग गए हैं। युवराज ने हार नहीं मानी और वह मेहनत करते रहे और उनकी मेहनत की वजह से वे बीएसएफ में चयनित हुए। सोमवार को उस मिनी स्टेडियम का नाम युवराज के नाम पर रखने की मांग ग्रामीणों ने रखी।
अंतिम दर्शन करने के लिए पहुंचे ग्रामीण
युवराज के अंतिम दर्शन में सैकड़ों की संख्या में आरला और आसपास के ग्रामीण पहुंचे। पूर्व सांसद मधुसूदन यादव, जिला साहू संघ अध्यक्ष भागवत साहू, युवा प्रकोष्ठ प्रदेश संयोजक आनंद साहू, मनोज साहू, सरपंच खेम दास साहू, जीवन लाल साहू, सुकृत दास साहू, जिला पंचायत सदस्य अंगेश्वर देशमुख, जनपद उपाध्यक्ष रोहित चंद्राकर, योगेंद्र दास वैष्णव सहित अन्य मुक्तिधाम पहुंचे। युवराज साहू के छोटे भाई टीका राम एवं कुलदीप साहू ने मुखाग्नि दी।
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