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हरियाणा सरकार ने सभी सरकारी योजनाओं और सुविधाओं का लाभ लेने के लिए परिवार पहचान पत्र अनिवार्य कर दिया है। लेकिन औद्योगिक संस्थानों में काम करने वाले अधिकांश श्रमिक इसे बनवाने में रुचि नहीं ले रहे हैं। 12 अप्रैल तक यदि श्रमिकों ने अपने परिवार पहचान पत्र नहीं बनवाए तो फरीदाबाद, गुडुगांव और पलवल जिलों में कार्यरत 11.78 लाख श्रमिकाें को सरकारी सुविधाओं से वंचित होना पड़ेगा।
सभी श्रमिकों का परिवार पहचान पत्र शत-प्रतिशत बनवाने के लिए राज्य सरकार ने सभी जिलों के श्रम विभाग को आदेश दिया है कि वह 12 अप्रैल तक शत-प्रतिशत श्रमिकों का परिवार पहचान पत्र बनाना सुनिश्चित करें। अब श्रम विभाग ने इसके लिए छह टीमें गठित कर औद्योगिक संस्थानों के प्रबंधकों से सभी का पहचान पत्र बनाने पर जोर दे रहा है। इसके पहले सरकार ने 31 मार्च तक सभी को परिवार पहचान पत्र बनाने का समय दिया था।
दो जनवरी 2020 को हुई थी घोषणा
मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने दो जनवरी 2020 को हरियाणा में रहने वाले सभी लोगों को परिवार पहचान पत्र बनवाने की घोषणा की थी। सभी जिला मुख्यालयों में स्थित सरल केंद्रों, व कॉमन सर्विस सेंटरों पर इसे फ्री में बनाया जा रहा है। इसे बनवाने के लिए परिवार के सभी सदस्यों का आधार कार्ड, वोटर कार्ड जिनके पास उपलब्ध है, पैन कार्ड जिनके पास है, बैंक कापी जिनके पास है, 10वीं का सर्टिफिकेट, जन्म प्रमाण पत्र जिनके पास उपलब्ध हो, दिव्यांग प्रमाण पत्र, मोबाइल नंबर आदि।
तीन जिलों में 11.78 लाख श्रमिक इससे वंचित
फरीदाबाद और गुड़गांव प्रदेश की बड़ी औद्योगिक नगरी मानी जाती हैं। यहां लोकल के अलावा विभिन्न राज्यों से आए श्रमिक औद्योगिक संस्थानों में कई साल से नौकरी कर रहे हैं। श्रम विभाग के आंकड़ाें पर नजर डालें तो विभाग में पंजीकृत औद्योगिक संस्थानों में फरीदाबाद में 342909, गुड़गांव मंे 1596897 अौर पलवल के औद्योगिक संस्थानों में 28257 वर्कर काम करते हैं। इनमें से 1178698 वर्कर ऐसे हैं जिनका परिवार पहचान पत्र अभी तक नहीं बना है।
सरकारी सुविधाओं से हो जाएंगे वंचित
डिस्ट्रिक्ट लेबर कमिश्नर अजयपाल डूडी के अनुसार पिछले दिनों सरकार ने परिवार पहचान पत्र की समीक्षा की थी। इसमें साफ कहा था कि 12 अप्रैल तक सभी वर्करों का परिवार पहचान पत्र बनवाना अनिवार्य है। अन्यथा उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा ओल्ड एज पेंशन योजना, विडो पेंशन योजना, फेमिली पेंशन योजना, लाडली, मैरिज शगुन योजना, राशन आवंटन, राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, दांताें के इलाज के लिए, बच्चों की पढ़ाई के लिए पैसे, साइकिल आदि की सुविधाएं अब बगैर पहचान पत्र के नहीं मिलेंगी।
छह टीमें गठित कर टारगेट पूरा करने का निर्देश
डीएलसी ने बताया सरकार के निर्देश पर जिले में संचालित औद्योगिक संस्थानों में काम करने वाले सभी श्रमिकों का परिवार पहचान पत्र बनाने के लिए छह टीमें गठित की गई हैं। सभी को टारगेट पूरा करने का आदेश दिया गया है। उन्हांेने बताया सभी औद्योगिक एसोसिएशन और ट्रेन यूनियनों को पत्र लिखकर वर्करों का पहचान पत्र प्राथमिकता से बनाने की गुजारिश की गई है। इसकी लगातार मॉनिटरिंग हो रही है।
तीन जिलों में अभी तक बने महज 3.74 लाख
श्रम विभाग के आंकड़ाें के मुताबिक फरीदाबाद, गुड़गांव और पलवल में अभी तक महज 374146 वर्करों के ही परिवार पहचान पत्र बन पाए हैं। इनमें गुड़गांव सबसे फिसड्डी है। गुड़गांव में कुल 1596897 वर्कर हैं। इनमें से केवल 251994 वर्करों के पास ही पहचान पत्र हैं। जबकि फरीदाबाद में कुल 342909 वर्कर हैं। इनमें से 111834 के पहचान पत्र बन चुके हैं। पलवल मेें कुल 28257 वर्करों में से ़10316 वर्करों के पहचान पत्र बने हैं।
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