पुलिस की मनमानी से प्रदेश के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला को भरी बैठक में माफी मांगनी पड़ी। ऐसा इस लिए हुआ कि पुलिस ने अवैध निर्माण की शिकायत करने वाले एक व्यक्ति के ऊपर नगर निगम के जेई आैर एसडीअो के कहने पर सरकारी कार्य में बाधा डालने व ब्लैक मेलिंग का फर्जी मुकदमा दर्ज कर किया था। उसमें गलत धारा भी लगा दी थी। ग्रीवांस कमेटी के सदस्यों ने जब इस मामले की डिप्टी सीएम के आदेश पर जांच की तो युवक पर लगाए गए सभी आरोप गलत पाए गए। अब पीड़ित व्यक्ति नगर निगम के तोड़फोड ब्रांच के उन अधिकािरयों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई चाहते हैं जिन्होंने झूठा केस दर्ज कराया था। डिप्टी सीएम ने निगम कमिश्नर को अवैध निर्माण तोड़ने के भी आदेश दिए।
ये है पूरा मामला
एनएच वन निवासी संदीप भाटिया ने अपने मोहल्ले के लोगों के साथ इस इलाके के जी व एच ब्लॉक के बीच की सरकारी गली, जो नाले के ऊपर बनी है, दोनों तरफ गेट लगाकर लोगों के आने-जाने का न केवल रास्ता बंद किया गया है बल्कि सरकारी ज़मीन पर कब्जेदार कब्जा कर रहा था। संदीप ने इसकी शिकायत निगमायुक्त, संयुक्त आयुक्त को दी। कई बार शिकायत करने के बाद भी जब सर्वे ब्रांच के एसडीओ व जेई ने कार्रवाई नहीं की तो उन्होंने उन अधिकारियों से सवाल जवाब करने लगे। आरोप है कि निगम के जेई व एसडीओ ने कब्जेदार से सांठगांठ करके उल्टे शिकायत पर ब्लैकमेलिंग का आरोप लगा एसजीएम नगर थाने में झूठा केस दर्ज करा दिया।
ग्रीवांस कमेटी में उठा मामला
केस दर्ज होने के बाद ये मामला 11 अक्टूबर 2021 को हुई ग्रीवांस कमेटी की बैठक में उठा। जिस पर डिप्टी सीएम ने जांच के आदेश दिए।एसडीएम बड़खल पंकज सेतिया की देखरेख में बनी कमेटी के सदस्यों ने जांच कर शुक्रवार को ग्रीवांस कमेटी की बैठक में डिप्टी सीएम को अपनी रिपोर्ट दी और कहाकि नगर निगम ने जो एफआईआर लिखवाई थी वह गलत थी। इस पर डिप्टी सीएम ने भरी सभा में माफी मांगी। पीड़ित संदीप भाटिया का कहना है कि नगर निगम के उन अधिकारियों एसडीओ जीतराम व जेई योगेश कुमार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। जिसके कारण उन्हें समााज में बदनाम होना पड़ा।
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