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साइबर क्राइम थाना पुलिस ने 2.38 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के तीन जालसाजों को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि तीनों ने बैंक में गिरवी रखी प्रापर्टी को बेचने के लिए बैंक का फर्जी डोमेन तैयार कर फर्जीवाड़ा को अंजाम दिया। आरोपियों से पूछताछ में बताया कि उन्होंने कई लोगों के साथ ठगी कर 40 करोड़ इकट्ठे कर लिए और अब वे दुबई भागने की योजना बना रहे थे। उनके कब्जे से पुलिस ने सोने की तीन सिल्ली व 52 लाख रुपए कैश भी बरामद किया है। फिलहाल, पुलिस ने तीनों को अदालत में पेश करने के बाद जेल भेज दिया है।
साइबर क्राइम थाने में गौरव साहनी ने शिकायत दी कि किशन कुमार नाम के व्यक्ति ने पंजाब नेशनल बैंक में गिरवी रखी प्रापर्टी को बेचने के नाम पर धोखे से 2.38 करोड़ रुपए फर्जी बैंक खाता में जमा करा लिया। मामले की जांच की जिम्मेदारी DCP आस्था मोदी ने DLF के ACP करण गोयल को दी। उनकी टीम में साइबर क्राइम थाना के प्रभारी जसवीर पुनिया, इंस्पेक्टर देवेंद्र मान, हेडकांस्टेबल नवीन, कांस्टेबल कविन्द्र व रविन्द्र को लगाया गया था।
एक आरोपी पहले बैंक में काम करता था
पुलिस टीम ने इस मामले में दिल्ली के विवेक विहार निवासी किशन, उत्तर प्रदेश संभल जिला के चंदौसी के साहूकार मोहल्ला के राकेश गुप्ता और दिल्ली दिलशाद कालोनी निवासी सौरभ पालनवाल को गिरफ्तार किया। पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया किशन पहले बैंक में काम करता था और बैंक द्वारा प्रॉपर्टी ऑक्शन की प्रक्रिया को अच्छे से जानता था। किशन ने राकेश गुप्ता के साथ मिलकर धोखाधड़ी से फर्जी बैंक खाते व ईमेल आईडी तैयार कर बैंक के पास गिरवी रखी प्रॉपर्टी का फर्जीवाड़ा कर बेचने के नाम पर रुपए कमाने की योजना बनाई।
बैंक के पास गिरवी प्रॉपर्टी को बेचकर 40 करोड़ की रकम इकट्ठा करना था। दो पार्टियों से रकम आ चुकी थी दो अन्य पार्टियों से 7 व 10 करोड़ रुपए में डील भी हो चुकी थी। अगले कुछ ही दिनों में इनके पास रुपए आने वाले थे। आरोपित 40 करोड़ रुपयों की रकम लेने के बाद दुबई भागने की फिराक में थे, मगर पुलिस ने उससे पहले ही इन्हें काबू करके इनके इरादों पर पानी फेर दिया।
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