अपराधियों को हथियार सप्लाई करने वाले एक बदमाश को पुलिस ने अरेस्ट किया है। आरोपी की पहचान मनोज उर्फ मानू के तौर पर हुई जो नजफगढ़ थाने के सामने हुई हत्या के एक मामले में वांछित था। आरोपी को हत्या के प्रयास मामले में दोषी करार देते हुए दस साल की सजा भी हो गई थी। वह इस केस में जमानत पर बाहर था।
पुलिस के मुताबिक, 7 मार्च को नजफगढ़ थाने के सामने फायरिंग की सूचना मिली थी। घायल को लोगों ने विकास हॉस्पिटल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक की पहचान सुशील के तौर पर हुई जो द्वारका में प्रॉपर्टी डीलर था। जांच के दौरान पुलिस को पता चला इस वारदात में दो बाइकों का इस्तेमाल हुआ था। बदमाशों ने बाइक से नंबर प्लेट भी हटा दी थी। इस केस में मुखबीर तंत्र की मदद ली गई जिसके बाद मनोज राठी को अरेस्ट किया गया।
आरोपी ने पूछताछ में बताया कि हत्या में इस्तेमाल हथियार मनोज ऊर्फ मानू और उसके सहयोगी जसवंत ने सप्लाई किया था। पुलिस ने मामले में जसवंत को भी गिरफ्तार कर लिया था। इस केस में पुलिस को मनोज की तलाश थी जिसे एक सूचना पर हंस नगर कॉलोनी हसनपुर गांव दिल्ली से दबोचा गया। वह अपने घर पर मिला।
आरोपी मनोज ने पूछताछ में बताया पहले वह सीआरपीफ में नौकरी करता था, लेकिन निजी कारण से उसने नौकरी छोड़ दी थी। इसके बाद वह बिल्लू और विपिन के संपर्क में आया। साल 2006 में उसने, बिल्लू और विपिन ने मिलकर झज्जर में दिनेश की हत्या करने के लिए गए। किस्मत ने दिनेश का साथ दिया और उसकी जान बच गई। इस केस में बिल्लू और विपिन अरेस्ट कर लिए गए। साल 2010 में उन्हें दोषी करार दे दिया गया। अब मनोज ज्योति उर्फ बाबा के लिए हथियार सप्लाई का काम कर रहा था। वह दो केस में पहले भी अरेस्ट हो चुका है। सुशील की हत्या इसलिए की गई थी क्योंकि उसने द्वारका में बदमाशों द्वारा विकली मार्केट से की जाने वाली वसूली को लेकर विरोध किया था।
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