कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश समेत देशभर के किसान राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर पिछले 15 दिनों से डेरा डाले हुए हैं। वहीं सरकार आंदोलनकारी किसानों से 6 दौर की बातचीत करने के साथ ही लिखित प्रस्ताव भी दे चुका है। लेकिन सब कुछ बेनतीजा रहा।
वहीं गुरुवार को इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स डे के मौके पर टिकरी बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों के मंच और महिला किसानों के हाथों में दिखे बैनर-पोस्टरों ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। इन बैनर पोस्टरों में दिल्ली दंगों के मास्टरमाइंड शरजील इमाम, उमर खालिद समेत अन्य आरोपियों और भीमा कोरेगांव के आरोपियों को छोड़ने की मांग की गई है।
इस कार्यक्रम का आयोजन किसानों के संगठन भारतीय किसान यूनियन एकता (उगराहां) ने किया था। कार्यक्रम में उगराहां ने जेल में बंद बुद्धिजीवियों और लोकतांत्रिक अधिकार कार्यकर्ताओं को तुरंत रिहा करने की मांग की ।
गिरफ्तार कार्यकर्ताओं की तस्वीरों के साथ एक बड़ी रैली को संबोधित करते हुए संगठन के प्रदेश अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि आज जीवन का अधिकार, जीवन की बेहतरी के लिए लड़ने का अधिकार और मानवता की गरिमा के लिए संघर्ष करने का अधिकार है। यह अहिद का दिन है। यह दिवस उन किसानों द्वारा मनाया जा रहा है जो अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार देश के प्रमुख बुद्धिजीवियों और लोकतांत्रिक अधिकार कार्यकर्ताओं पर दमन की कुल्हाड़ी चला रही है और झूठे मामलों जेलों में डाल रही है । लेखकों, कलाकारों, जो लोगों और लेखकों के लिए लिखते हैं, जो लोगों के बीच अधिकारों के बारे में जागरूकता फैलाते हैं, उन्हें चुप कराया जा रहा है।
बुराड़ी : 14 दिनों से रुके किसानों ने अर्धनग्न होकर किया प्रदर्शन
कृषि कानूनों से नाराज किसानों ने दिल्ली के बुराड़ी ग्राउंड में गुरुवार को अर्धनग्न होकर केन्द्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। किसानों ने शर्ट उतार कर प्रदर्शन कर अपना विरोध जताया। सरकार को चेतावनी दी कि किसान हर परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। किसानों ने कहा कि केंद्र सरकार और उनके मंत्रियों ने हमसे कहा था कि बहुत ठंड है, आप घर चले जाइए।
हम समाधान करेंगे, लेकिन हम नग्न होकर इसलिए प्रदर्शन कर रहे हैं, ताकि उन्हें पता चले कि हम ठंड से डरने वाले नहीं हैं। किसानों ने कहा कि हम पंजाब से आए हैं। पहले हरियाणा सरकार भी कहती थी कि हरियाणा में घुसने नहीं दिया जाएगा।
दिल्ली में भी ऐसे ही स्थिति थी लेकिन हम दिल्ली तक भी पहुंच गए लेकिन अभी हमारे नेताओं का आदेश नहीं है नहीं तो हम आगे भी जाने को तैयार हैं। किसानों ने 12 और 14 दिसंबर को दोबारा से अपना आंदोलन तेज करने के लिए सरकार को चेतावनी दी है।
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