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कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों और सरकार के बीच बातचीत में अभी तक कोई हल नहीं निकलने पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को चिंता जाहिर की। चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने कहा- ‘हमारा उद्देश्य दोनों पक्षों के बीच बातचीत को और ज्यादा सुविधाजनक बनाना है। हम चाहते हैं कि जल्द से जल्द मामला सुलझ जाए।’
कोर्ट ने सरकार से पूरे मामले पर जवाब मांगा था, जो दायर नहीं किया गया। सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा- ‘हमने अभी जवाब इसलिए नहीं दिया, क्योंकि हमें उम्मीद है कि बातचीत से हल निकल जाएगा।’ इस पर चीफ जस्टिस बोबडे ने कहा- ‘अभी तक स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है।’ सॉलीसिटर जनरल ने कहा कि अभी बातचीत चल रही है।
ऐसे में कोर्ट द्वारा सुनवाई करना उचित नहीं होगा। सरकार के जवाब दायर करने या कोर्ट द्वारा सुनवाई करने से बातचीत प्रभावित हो सकती है। इस पर बोबडे ने कहा- ‘इतने दिनों तक कुछ नहीं हुआ। फिर भी हम आपके अनुरोध को स्वीकार करते हैं और 11 जनवरी तक सुनवाई टाल रहे हैं। अगर बातचीत सही दिशा में जाएगी तो उस दिन भी सुनवाई टाल सकते हैं।
कोर्ट में एक याचिका और, अब सभी की सुनवाई एक साथ होगी
कोर्ट में किसानों को सड़कों से हटाने की मांग को लेकर याचिका दायर है। वहीं, कुछ अन्य लोगों ने कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की है। बुधवार को एक और याचिका दायर हुई। सभी पर एक साथ 11 जनवरी को सुनवाई होगी।
अब यूपी बॉर्डर पर बढ़ने लगा किसानों का जमावड़ा, आज दिल्ली के चारों तरफ ट्रैक्टर चलाकर ताकत दिखाएंगे
यूपी-दिल्ली गाजीपुर बॉर्डर पर बारिश और शीतलहर के बीच आंदोलनकारी किसानों का जोश लगातार बढ़ रहा है। पश्चिमी यूपी के बाद अब यहां रूहेलखंड और उत्तराखंड के किसानों की तादाद बढ़ रही है। गुरुवार को ट्रैक्टर रैली होनी है।
सभी प्रदर्शनस्थलों से आंदोलनकारी एक साथ कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेसवे पर ट्रैक्टर रैली निकालेंगे। यह रैली सिंघु बॉर्डर से टिकरी, टिकरी से शाहजहांपुर, गाजीपुर से पलवल, पलवल से गाजीपुर तक होगी। अगले दिन शुक्रवार को किसानों और सरकार के बीच फिर से बैठक होनी है।
किसान नेता राकेश टिकैत यूपी के हर गांव से 10 ट्रैक्टर ट्राॅली और हर घर से एक व्यक्ति को मार्च में शामिल होने का न्योता दे रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि गुरुवार की रैली में 60 हजार ट्रैक्टर शामिल होंगे। गाजीपुर बॉर्डर ओवरब्रिज के ऊपर अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के धरने में लखीमपुर खीरी, पीलीभीत, बरेली, शाहजहांपुर के अलावा उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर, रामनगर आदि दूरस्थ इलाकों के किसानों की संख्या पिछले तीन-चार दिनों से लगातार बढ़ रही है।
किसान नेता वीएम सिंह ने बताया- ‘सरकार हमारी ताकत देखना चाहती है, इसलिए हम अब ताकत ही दिखाएंगे।’ जो लोग दिल्ली बॉर्डर पर नहीं आ पाए हैं, वे गांवों में घर-घर जाकर अभियान चला रहे हैं।
पॉजिटिव- आज आप बहुत ही शांतिपूर्ण तरीके से अपने काम संपन्न करने में सक्षम रहेंगे। सभी का सहयोग रहेगा। सरकारी कार्यों में सफलता मिलेगी। घर के बड़े बुजुर्गों का मार्गदर्शन आपके लिए सुकून दायक रहेगा। न...
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