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आज के आधुनिक और टेक्नोलॉजी के युग में जहां इंसानों की औसत आयु घटती जा रही है। वहीं, राजकोट जिले की गोंडल तहसील के पाटखिलोरी गांव में रहने वाली रलियात बा ने 108 साल का स्वस्थ जीवन जीने के बाद आज दुनिया से विदा ले ली। अपनी चौथी पीढ़ी देख चुकीं रलियात बा के परिवार में 101 सदस्य हैं। उनके बारे में सबसे खास बात तो ये है कि इस लंबे जीवन के दौरान वे कभी अस्पताल नहीं गईं। परिवार के लोगों ने बताया कि अचानक ही उन्होंने दो दिनों से अन्न-जल त्याग दिया था।
1974 में हो गया था पति का निधन
रलियात बा के परिवार के बारे में बात करें तो उनके पति रामजीभाई का 1974 में हार्ट अटैक से निधन हो गया था। उस समय 4 बेटों और 3 बेटियों सहित 7 बच्चों में सबसे बड़े बेटे उकाभाई की उम्र 35 साल थी। रलियात बा के परिवार में अब बड़ा बेटा उकाभाई ( 82), दूसरा बेटा बाबूभाई ( 74), तीसरा बेटा वागजीभाई (71), चौथी बेटी अंबाबेन (68), पांचवीं बेटी चंपाबेन (65), छठा बेटा गिरधरभाई (उम्र 62) और सातवीं बेटी शारदाबेन (60 वर्ष) हैं।
108 वर्ष की आयु में कभी अस्पताल नहीं गईं
रलियात बा के सात बच्चों वाले परिवार की चौथी पीढ़ी में अब 101 सदस्य हैं। परिवार के सबसे छोटे सदस्य में भी पोते का बेटा ढाई साल का है। पोती के परिवार में पोती के ब्रेन हेमरेज के अलावा कोई दुखद घटना नहीं हुई है। रलियात बा की जिंदगी से जुड़ी सबसे खास बात ये है कि वे कभी अस्पताल नहीं गईं। छोटी-मोटी बीमारियों के निदान के लिए उन्होंने हमेशा घरेलू नुस्खे ही अपनाए।
108 साल की उम्र में भी आंखों से देखने में सक्षम थीं
रलियात बा 108 साल की उम्र में भी नंगी आंखों से देख सकती थीं। हालांकि, दूर का देखने के लिए उन्हें चश्मा लगाना पड़ता था। इसके अलावा उनके मुंह में 32 दांत थे, जो किसी चमत्कार से कम नहीं। पिछले दो दिनों से उन्होंने अन्न-जल का त्याग कर दिया था। और इस तरह उन्होंने अपनी जिंदगी जी भर के संसार से विदाई ले ली।
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