आयकर विभाग की विवाद से विश्वास योजना के अंतर्गत कोरोना काल में प्रदेशभर में 3800 करोड़ की घोषणा की गई है। योजना का लाभ लेने के लिए प्रदेशभर में 12 हजार से अधिक फॉर्म भरे गए थे। सबसे अधिक उत्साह सूरत में दिखाई दिया, जहां सबसे अधिक फॉर्म भरे गए।
वहीं, अहमदाबाद में सर्वाधिक 3200 करोड़ की घोषणा की गई। योजना का लाभ लेने वाले व्यापारियों ने आईटी अपील, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से अपने केस वापस ले लिए हैं। सीए डेनिश चौकसी ने बताया कि दस या उससे अधिक वर्ष के केस भी वापस ले लिए गए हैं। व्यापारी लंबी कानूनी लड़ाई में पड़ने की बजाय रुपए चुकाकर तनावमुक्त हो रहे हैं।
ऐसे समझें स्कीम को | सीए विरेश रुदलाल और जिग्नेश शाह ने बताया कि योजना का उद्देश्य अपील या हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट में चल रहे केसाें को खत्म करना है। इसके लिए व्यापारियों को टैक्स का 100% भुगतान करना था और ब्याज माफ था। ब्याज एक माह में दो से ढाई प्रतिशत होता है। सिर्फ जुर्माने के लिए लड़ने वाले व्यापारियों को 25% राहत दी गई थी। करदाताओं के केस में ब्याज की रकम टैक्स से अधिक थी। जिसके हटने से बड़ी राहत मिली।
सूरत-वडोदरा में 500 करोड़ से अधिक की घोषणा
सूरत में 2651 व्यापारियों ने इस योजना का लाभ लिया। आयकर में सूरत और वडोदरा के आंकड़े एक साथ जोड़े जाते थे। सूरत और वडोदरा में कुल 512 करोड़ की घोषणा हुई है। यानी कि इतनी रकम के केस विवाद से विश्वास स्कीम में आ गए हैं। 500 करोड़ में वडोदरा का हिस्सा केवल 20% ही है।
अहमदाबाद में 3200 करोड़ की घोषणा
अहमदाबाद में इस योजना के अंतर्गत 12 हजार से अधिक फॉर्म भरे गए थे और 3200 करोड़ की घोषणा की गई है। अहमदाबाद के कलेक्शन में राजकोट भी शामिल है। हालांकि इसमें राजकोट का हिस्सा केवल 25% ही है।
देशभर में 1 लाख करोड़ के केसों का निपटारा
सीए प्रग्नेश जगाशेठ ने बताया कि देशभर में 9 लाख करोड़ टैक्स की डिमांड थी और 5 लाख केस थे। इसमें से 1 लाख करोड़ के केसों का निपटारा हो गया है। 1998 के कर विवाद स्कीम में 631 करोड़ का राजस्व मिला था। उसकी तुलना में यह योजना काफी सफल है।
अक्टूबर तक कर सकेंगे भुगतान
विवाद से विश्वास योजना का लाभ लेने वाले करदाता 31 अगस्त तक रकम का भुगतान कर सकते हैं।
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