कांग्रेस ने सूरत शहर और ग्रामीण की सात सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। गुरुवार को भाजपा के उम्मीदवार घोषित करने के बाद कांग्रेस भी जल्द ही बाकी की सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर सकती है। इस बार कांग्रेस का फोकस उन सीटों पर ज्यादा है, जहां 2017 के विधानसभा चुनाव में उसके उम्मीदवार कम अंतर से हारे थे। इन सीटों पर उसे जीत की आस है। इसमें दो सीटें सूरत शहर और दो ग्रामीण की हैं।
महुआ: सिर्फ 6433 वोटों से हार गए थे कांग्रेस के तुषार
पिछले चुनाव में महुआ सीट से बीजेपी के मोहन डोढिया ने कांग्रेस के तुषार चाैधरी को हराया था। मोहन डोढिया को 82607 वोट मिले थे। कांग्रेस के तुषार चौधरी को 76174 वोट मिले थे। इस तरह इस सीट पर जीत-हार का अंतर केवल 6433 वोट का रहा। इस बार कांग्रेस ने महुआ सीट से हेमांगिनी गरासिया को उम्मीदवार बनाया है।
बारडोली: 34854 वोट से कांग्रेस के तरुण भाजपा के ईश्वर से हार गए थे
बारडोली सीट पर पिछले चुनाव में भाजपा के ईश्वर परमार ने कांग्रेस के तरुण वाघेला को हराया था। ईश्वर परमार को 94774 वोट और तरुण वाघेला को 59920 वोट मिले थे। जीत-हार का अंतर अंतर 34854 वोट का रहा था। कांग्रेस ने इस बार यहां से पन्नाबेन पटेल को उतारा है।
वराछा: कानाणी ने 13998 वोट से धीरू गजेरा को हाराया था
वर्ष 2017 के चुनाव में वराछा रोड सीट से भाजपा के कुमार कानाणी को 68472 वोट और कांग्रेस के धीरू गजेरा को 54474 वोट मिले थे। जीत-हार का अंतर 13998 वोट का रहा था। इस बार कांग्रेस ने प्रफुलभाई तोगड़िया को उम्मीदवार बनाया है।
सूरत पूर्व: राणा जीते थे, जीत-हार का अंतर 13347 वोट का रहा था
सूरत पूर्व सीट की बार करें तो पिछले चुनाव में बीजेपी के अरविंद राणा को जीत मिली थी। कांग्रेस ने यहां से नितिन भरुचा को मैदान में उतारा था। अरविंद राणा को कुल 72638 वोट मिले थे। कांग्रेस के नितिन भरुचा ने 59291 वोट हासिल किए थे। इस तरह जीत-हार का अंतर केवल 13347 वोट का रहा। इस बार अब तक कांग्रेस ने यहां से उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। क्योंकि इस सीट पर 60 से ज्यादा दावेदार हैं। 50 प्रतिशत से ज्यादा मुस्लिम मतदाता हैं। इससे कांग्रेस को जीत की उम्मीद बंधी है।
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