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अभिभावकों ने एफआरसी पर आरोप लगाया है कि कमेटी स्कूलों की फीस कम करने की बजाय और बढ़ा रहा है। एफआरसी की मिलीभगत से कोरोनाकाल में स्कूलों को फायदा हो रहा है। फीस कमेटी की ओर से पिछले 4 साल से स्कूलों की फीस निर्धारित की जा रही है। राज्य सरकार ने फीस कम करने के लिए कमेटी बनाई थी, पर कमेटी फीस कम करने की बजाय फीस बढ़ाती ही जा रही है। अभिभावकों ने कमेटी को आवेदन देकर शिकायत की है कि जो भी फीस जारी की गई है।
उसमें यह नहीं बताया गया कि पिछले साल कितनी फीस थी। अभिभावकों ने कमेटी से इसका जवाब मांगा है। ज्ञातव्य है कि फीस कमेटी सूरत समेत दक्षिण गुजरात के लगभग 4000 स्कूलों की फीस तय करती है। अभिभावकों ने आरोप लगाते हुए कहा कि कमेटी केवल स्कूलों के लिए काम कर रही है।
अभिभावक मंडल के सदस्य उमेश पांचाल ने बताया कि करोड़ों की कमाई का मामला है, इसलिए अभिभावकों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। कोरोना काल में कमाई बंद होने से अभिभावक पहले से ही परेशान हैं। अब कमेटी द्वारा निर्धारित फीस कहां से चुकाएं। फीस कमेटी को इस पर विचार करना चाहिए।
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