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आरामदायक सवारी, एसटी हमारी:गुजरात में पहली बार 2×2 सीटर और भगवा कलर की 500 एसटी बसें दौड़ेगी, 2018 में बदला गया था रंग

अहमदाबादएक वर्ष पहले
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शुरुआत में 2×2 की 300 बसें तैयार की जाएंगी। - Dainik Bhaskar
शुरुआत में 2×2 की 300 बसें तैयार की जाएंगी।

गुजरात के परिवहन का मुख्य आधार माने जाने वाली गुजरात की एसटी आगामी दिनों में भगवा रंग में दौड़ती नजर आएंगी। अहमदाबाद के नरोडा में एशिया की सबसे बड़ी वर्कशॉप में नई बसें बनाने का काम चल रहा है। ऐसी 500 से ज्यादा बसें बनाई जाएंगी। इतना ही नहीं एस.टी. निगम इतिहास में पहली बार 2×2 सीटर बस का भी उत्पादन करेगा। शुरुआत में 2×2 की 300 बसें तैयार की जाएंगी।

42 सीटों वाली बस का निर्माण भी आने वाले दिनों में शुरू हो जाएगा।
42 सीटों वाली बस का निर्माण भी आने वाले दिनों में शुरू हो जाएगा।

बस के लिए केसरिया रंग को चुना गया
गुजरात परिवहन विभाग नरोडा स्थित कार्यशाला में नई बसें तैयार कर रहा है। बस के कलर और ग्राफिक्स के अलावा सीटिंग अरेंजमेंट में कुछ अहम बदलाव किए गए हैं। इस बस की खासियत यह है कि बस के लिए केसरिया रंग को चुना गया है। वर्तमान में सड़क पर निगम की एसटी बसें सफेद, नीली और पीली कलर की हैं, जबकि नई बसें भगवा रंग की होंगी। एसटी कॉर्पोरेशन की 2×3 सीटिंग बस का रंग और ग्राफिक्स आखिरी बार साल 2018 में बदला गया था। उसके बाद अब एस.टी. बस को बदला जा रहा है।

2×3 सीटिंग बस का रंग और ग्राफिक्स आखिरी बार साल 2018 में बदला गया था।
2×3 सीटिंग बस का रंग और ग्राफिक्स आखिरी बार साल 2018 में बदला गया था।

पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए बदला लुक
इस संबंध में एसटी निगम के प्रबंध निदेशक एम ए गांधी ने कहा कि नई बस की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए इसे और अधिक आकर्षक बनाने के लिए समग्र रूप में बदलाव किया गया है। एसटी निगम पर्यटकों को बेहतर सेवा प्रदान करने के लिए कटिबद्ध है, जिससे नई सुविधाएं मिलती रहेंगी।

बस का निर्माण निकट भविष्य में शुरू होगा
एसटी निगम 2×3 के साथ अब पहली बार 2×2 सीट वाली बस का उत्पादन करेगा। 42 सीटों वाली बस का निर्माण भी आने वाले दिनों में शुरू हो जाएगा। प्रत्येक सीट के लिए रीडिंग लाइट भी होगी, जिससे कि रात में यात्री अपनी सीट पर बैठे-बैठे किताबें पढ़ सकें।

वेंटिलेशन के लिए विशेष व्यवस्था
इस बस में स्लाइडिंग विंडो भी चौड़ी होगी, जिससे पर्याप्त वेंटिलेशन उपलब्ध हो सके। शुरुआती चरण में करीब 300 बसें तैयार होंगी। निजी बसों की जगह यात्रियों को अधिक सुविधाएं और विकल्प उपलब्ध कराकर यात्रियों को आकर्षित करने का प्रयास किया जाएगा।