प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुजरात में सोमनाथ मंदिर के पास बने नवनिर्मित सर्किट हाउस का ऑनलाइन उद्घाटन किया। वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सर्किट हाउस का उद्घाटन करने के बाद बाद उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कार्यक्रम को संबोधित भी किया। पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत एक श्लोक के साथ की।
मोदी ने कहा, 'भगवान सोमनाथ की आराधना में हमारे शास्त्रों में कहा कहा है- भक्तिप्रदानाय कृतावतारं, तं सोमनाथं शरणं प्रपद्ये। यानी, भगवान सोमनाथ की कृपा अवतीर्ण होती है, कृपा के भंडार खुल जाते हैं।' पीएम ने कहा कि जिन परिस्थितियों में सोमनाथ मंदिर को तबाह किया गया, और फिर जिन परिस्थितियों में सरदार पटेल जी के प्रयासों से मंदिर का जीर्णोद्धार हुआ, वो दोनों ही हमारे लिए एक बड़ा संदेश हैं।
उन्होंने आगे कहा, ‘आप किसी भी राज्य का नाम लीजिए। गुजरात का नाम लेंगे तो सोमनाथ, द्वारका, धोलावीरा जैसे स्थान मन में आते हैं। उत्तर प्रदेश का नाम लेंगे तो अयोध्या, मथुरा, काशी, कुशीनगर, विंध्याचल छा जाते हैं। सामान्य जन का हमेशा मन करता है, इन सब जगह पर जाने का अवसर मिले।’उन्होंने कहा कि इसी प्रकार उत्तराखंड का नाम लेते ही बद्रीनाथ और केदारनाथ तथा हिमाचल प्रदेश का नाम लेने पर ज्वाला देवी जैसे तीर्थाटन और पर्यटन के कई केंद्र मन में आ जाएंगे।
‘ये स्थान हमारी राष्ट्रीयता का... एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना का प्रतिनिधित्व करते हैं। इन स्थलों की यात्रा हमारी राष्ट्रीय एकता को बढ़ाती है। इनके विकास से हम एक बड़े क्षेत्र के विकास को गति दे सकते हैं।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले सात साल में देश ने पर्यटन की संभावनाओं को साकार करने के लिए लगातार काम किए हैं।
‘पर्यटन केंद्रों का विकास आज केवल सरकारी योजना का हिस्सा भर नहीं है बल्कि जनभागीदारी और सांस्कृतिक विकास है।’ मोदी ने कहा कि धार्मिक या धरोहर स्थलों का विकास उन क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करेगा, जहां वे स्थित हैं।
30 करोड़ रुपए की लागत से हुआ तैयार
गौरतलब है कि इस नए सर्किट हाउस का निर्माण 30 करोड़ रुपए की लागत से किया गया है और यह सोमनाथ मंदिर के निकट स्थित है। इसमें सभी प्रकार की आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिनमें वीआईपी और डीलक्स कमरे, सम्मेलन कक्ष और सभागृह शामिल हैं। कमरों की बनावट ऐसी है कि वहीं से लोग समुद्र का नजारा भी देख सकते है।
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