भरूच जिले की झगडिया सीट प्रदेशभर में चर्चा का केंद्र रही है। झगडिया सीट पर 7 टर्म से चुनाव जीतने वाले छोटू वसावा के खिलाफ उनके बेटे ने बगावत कर दी थी। बीटीपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के कारण महेश वसावा ने झगडिया सीट पर अपना मेंडेड बनाकर उम्मीदवारी कर दी थी। आखिरी क्षणों तक यही चर्चा चल रही थी कि इस सीट पर पिता-पुत्र के बीच टकराव होगा।
पिछले 7 टर्म से जीत रहे बाहुबली नेता छोटू वसावा
नामांकन पत्र वापस लेने के दिन बीटीपी के उम्मीदवार महेश वसावा ने सभी को चौंकाते हुए अपना परचा वापस ले लिया और अपने पिता छोटू वसावा का समर्थन करने की घोषणा की। झगडिया सीट पर पिछले 7 टर्म से चुनाव जीत रहे बाहुबली नेता छोटू वसावा के खिलाफ उनका बेटा मैदान में उतर गया था।
एक करोड़ नहीं दिए तो टिकट कट गया: कामिनी राठौड़
दहेगाम विधानसभा सीट पर कामिनीबा राठौड़ का नाम कटने के बाद पूरी रात पॉलिटिकल ड्रामा चलता रहा। वखतसिंह ने रात में चुनाव लड़ने से इनकार करने के बाद सुबह चुनाव लड़ने की घोषणा की। वहीं, दूसरी ओर कामिनीबा राठौड ने समर्थकों के नाम से निर्दलीय उम्मीदवारी की है।
बुधवार शाम को वखतसिंह का नाम घोषित होने से लेकर नामांकन पत्र भरने तक 20 घंटे तक चले पॉलिटिकल ड्रामे ने कांग्रेस हाईकमांड को भी चक्कर में डाल दिया। दहेगाम में टिकट को लेकर पॉलिटिकल ड्रामा बुधवार शाम को शुरू हुआ था।
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