• Hindi News
  • Local
  • Gujarat
  • Narendra Modi Gujarat Rally; BJP Gujarat Vidhan Sabha Election Campaign | Ahmedabad News

मोदी के रोड शो में शामिल हुए 10 लाख लोग:अहमदाबाद में पीएम मोदी का अब तक का सबसे लंबा रोड शो

अहमदाबाद6 महीने पहले
  • कॉपी लिंक

गुजरात के अहमदाबाद में पीएम मोदी ने अब तक का सबसे लंबा रोड शो किया है। करीब 50 किमी लंबे इस रोड शो में 10 लाख से अधिक लोग जुड़े। करीब 4 घंटे तक चलते इस रोड शो के जरिए पीएम ने 14 विधानसभा सीटों को कवर किया, जिसमें 13 अहमदाबाद और एक गांधीनगर विधानसभा की सीट थी।

पीएम का यह मेगा रोड शो अहमदाबाद के नरोडा से शुरू हुआ और गांधीनगर के दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र में समाप्त हुआ। रास्ते में पंडित दीनदयाल उपाध्याय, सरदार वल्लभभाई पटेल और नेताजी सुभाष चंद्र बोस सहित प्रमुख हस्तियों के स्मारकों पर कम से कम 35 स्टॉप बनाए गए थे। पीएम ने सभी की प्रतिमाओं पर पुष्पांजलि अर्पित की।

गुरुवार को पीएम मोदी का रोड शो शाम 5.15 शुरू होकर रात के 9 बजे समाप्त हुआ था।
गुरुवार को पीएम मोदी का रोड शो शाम 5.15 शुरू होकर रात के 9 बजे समाप्त हुआ था।

इन इलाकों से गुजरा रोड शो
नरोडा से शुरू हुआ पीएम को रोड शो ठक्करबपानगर, बापूनगर, निकोल, अमराईवाड़ी, मणिनगर, दानीलिंबाडा, जमालपुर खड़िया, एलिसब्रिज, वेजलपुर, घाटलोडिया, नारणपुर से होता हुआ साबरमती निर्वाचन क्षेत्र पहुंचा। इस दौरान पूरे शहर में लोगों में जबर्दस्त उत्साह देखा गया। जहां-जहां से पीएम का काफिला गुजरा, उनके दोनों ओर भारी भीड़ जमा थी। पीएम पर हर तरफ फूल बरसाते हुए लोग ‘मोदी…मोदी’ के नारे लगा रही थी। वहीं, पीएम की झलक पाने बालकनी और छतों पर भी भारी भीड़ थी। इसी के चलते जो रोड शो पहले दो घंटे में पूरा होना था, उसे चार घंटे लग गए।

शुक्रवार को भी पीएम का अहमदाबाद में रोड शो
आज भी पीएम की तीन (बनासकांठा के कांकरेज, पाटण, सोजित्रा) चुनावी रैलियां हैं। इसके बाद शाम को अहमदाबाद में एक और रोड शो होगा। आज का रोड शो खानपुर से सारंगपुरा तक का होना है। वहीं, केंद्रीय मंत्री अमित शाह बेचराजी, विजापुर और गांधीनगर और वडोदरा में रोड शो करेंगे।

पिछले चुनाव से 5.49% कम मतदान
गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग गुरुवार शाम 5 बजे पूरी हुई। 19 जिलों की 89 सीटों के लिए मैदान में उतरे 788 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो चुकी है। पहले चरण में 62.89 फीसदी लोगों ने मतदान किया। यह आंकड़ा 2017 में हुए चुनाव से 5.49% कम रहा। इतना ही नहीं इस बार 10 साल की सबसे कम वोटिंग हुई।

पिछली बार 4% कम वोटिंग से भाजपा की 15 सीट कम हुई थीं
बीते चुनाव में 2012 की तुलना में करीब 4% कम वोटिंग से भाजपा को इस रीजन में 15 सीटों का नुकसान हुआ था। इस रीजन में पाटीदार, ओबीसी और आदिवासी वोट निर्णायक माने जाते हैं। इन 89 सीटों में 32 पाटीदार बहुल और 16 आदिवासी बहुल सीटें हैं। सिर्फ दो जिलों नर्मदा और तापी में 70% से ज्यादा वोटिंग हुई है। 9 जिलों में वोटिंग 50% से 60% के बीच हुई है।

आदिवासियों के इलाकों में ज्यादा वोटिंग
ओवरऑल वोटिंग को देखें महानगरों, पाटीदारों के इलाकों में कम, लेकिन आदिवासियों के इलाकों में ज्यादा वोटिंग हुई है। हालांकि 2017 के मुकाबले एक भी जिले में ज्यादा वोटिंग नहीं हुई है। अहम यह है कि शहरी क्षेत्र को भाजपा का गढ़ माना जाता है। लेकिन शहरों में भी 11% वोटिंग घटी है। इस बार तीसरी ताकत आम आदमी पार्टी के आने से भी भाजपा-कांग्रेस की सीटें घट-बढ़ सकती हैं। उधर, केबल ब्रिज हादसे के बाद चर्चा में आए मोरबी में 67.65% वोट पड़े हैं। यहां 2017 में 73.66% और 2012 में 74.9% वोटिंग हुई थी।