गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान एक दिसंबर को होना है। भारतीय जनता पार्टी ने भी सभी सीटों पर कारपेट बॉम्बिंग स्टाइल में जोरदार प्रचार किया है। लगभग हर जगह बीजेपी के समीकरण बने हुए हैं, सिर्फ एक जगह को छोड़कर वो जगह है गुजरात की डायमंड सिटी सूरत। यूं तो सूरत बीजेपी का गढ़ है, लेकिन इस बार बीजेपी को अपने इस गढ़ में डर सता रहा है। इस डर की वजह सूरत की 12 में से छह सीटों पर पाटीदार वोटरों की नाराजगी है।
पहली बार सूरत में रुकेंगे पीएम
इस नाराजगी को दूर करने के लिए बीजेपी ने राज्य से लेकर केंद्रीय स्तर तक के नेताओं को मैदान में उतारा। लेकिन वे पूरी तरह से कामयाब नहीं हो सके हैं। अब आखिरी कोशिश के तौर पर प्रधानमंत्री मोदी खुद सूरत के मैदान में उतर रहे हैं। इसके तहत पीएम पहली बार सूरत में रात को रुकेंगे। राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार पीएम मोदी सूरत के सर्किट हाउस रात्रि विश्राम कर बाजी पलटने का मास्टरस्ट्रोक मारने जा रहे हैं। बताया जा रहा है सर्किट हाउस में वे कई पाटीदार नेताओं से मुलाकात करने वाले हैं।
सूरत एयरपोर्ट से अब्रामा तक का रोड शो
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम सूरत एयरपोर्ट पहुंचेंगे और वहां से अब्रामा इलाके तक का करीब 30 किलोमीटर का सफर तय करेंगे। इसके बाद एक रोड-शो के बाद अबराम मैदान में पहुंचेंगे। रोड शो के रूट भी ऐसे रखे गए हैं, जो सूरत शहर की 8 विधानसभा सीटों को कवर किया जा सके। इसके बाद शाम करीब 7 बजे वे यहां जनसभा को संबोधित करेंगे।
डोर-टू-डोर प्रचार करने की भी संभावना
बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी इस बार सूरत में होने वाली जनसभा से पहले डोर-टू-डोर प्रचार भी करेंगे। जानकार सूत्रों के मुताबिक, यह डोर-टू-डोर कैंपेन सूरत के गोकुलधाम सोसाइटी के पास होगा। क्योंकि, ज्यादातर पाटीदार नेता यहीं रहते हैं। ऐसे में पीएम गोकुलधाम सोसायटी के कुछ घरों में जाकर पाटीदार समुदाय की नाराजगी को दूर करने की रणनीतिक शुरुआत कर सकते हैं। हालांकि, असली खेल रात को सर्किट हाउस में पीएम की पाटीदार नेताओं के साथ मुलाकात से होगा।
अब्रामा में ही क्यों रखी गई पीएम की सभा?
सूरत शहर में छह विधानसभा क्षेत्र हैं, जहां पाटीदार मतदाताओं का दबदबा है। यहां आम आदमी पार्टी (आप) की एंट्री के बाद समीकरण बदल गए हैं। इन सभी छह सीटों पर अब बीजेपी और आप के बीच सीधा मुकाबला है। ऐसे में अगर प्रधानमंत्री खुद अब्रामा आकर जनसभा करें तो सभी छह पाटीदार बहुल सीटों पर एक साथ संदेश दिया जा सकता है। सूरत शहर में कुल 12 सीटें हैं और इन सभी सीटों से बीजेपी उम्मीदवारों को अब्रामा की जनसभा में बुलाया गया है। इस तरह एक जनसभा में भाजपा के तमाम चेहरों को बुलाकर पाटीदारों को संदेश दिया जाएगा।
भाजपा की पाटीदारों से नहीं बनी
भाजपा और पाटीदार समाज के बीच मनमुटा के हालात पाटीदार आरक्षण के बाद बने। इसके बाद से बीजेपी पाटीदारों को मना नहीं पाई है। इसी का नतीजा था कि करीब डेढ़ साल पहले आम आदमी पार्टी (AAP) ने निगम चुनाव में जोरदार एंट्री की थी और 27 सीटें जीतकर चौंका दिया है। वहीं, गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए भी AAP ने साढ़े छह महीने पहले ही अपनी तैयारी शुरू कर दी थी। साथ ही AAP और पीएएएस (पाटीदार रिजर्व एक्शन कमेटी) के नेताओं के बीच बैठकें भी होने लगीं। बीजेपी को लगने लगा कि पीएएएस और पाटीदार वोटर धीरे-धीरे AAP की तरफ शिफ्ट हो रहे हैं। तब से भाजपा ने पाटीदार समुदाय को मनाने के लिए सीआर पाटिल, हर्ष सांघवी जैसे क्षेत्रीय स्तर के नेताओं को मैदान में उतारा, लेकिन वे कामयाब नहीं हो सके। इसलिए अब सीधे पीएम मोदी ही सूरत के मैदान में उतर रहे हैं।
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