'सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है...' इस बयान से जुड़े मानहानि केस में सूरत कोर्ट ने 23 मार्च को राहुल गांधी को दोषी करार दिया था। ठीक दूसरे दिन यानी 24 मार्च को राहुल की लोकसभा सदस्यता भी रद्द कर दी गई थी। अब 11 दिन बाद राहुल इस फैसले के खिलाफ सूरत की सेशन कोर्ट में याचिका लगाने वाले हैं।
न्यूज एजेंसी एएनआई ने कांग्रेस सूत्रों के हवाले से कहा कि राहुल की लीगल टीम 3 अप्रैल (सोमवार) को कोर्ट जाएगी।
23 मार्च को कोर्ट ने राहुल की मौजूदगी में उन्हें 2 साल जेल की सजा और 15 हजार जुर्माना लगाया था। कुछ देर बाद कोर्ट ने उन्हें जमानत भी दे दी थी। साथ ही सजा को 30 दिन के लिए स्थगित कर दिया था। यानी इस दौरान राहुल की गिरफ्तारी नहीं होगी और वे हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में फैसले के खिलाफ याचिका लगा सकते हैं।
राहुल की सजा पर कांग्रेस में क्या एक्शन हुआ, 3 अहम पॉइंट
1. जेल या अपील दो हिस्सों में बंटा था पार्टी नेताओं का फैसला
भास्कर को सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी की सजा के खिलाफ पार्टी भी दो हिस्सों में बंटी हुई थी। एक धड़ा चाहता था कि राहुल फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाएं। वहीं, दूसरा धड़ा चाहता था कि राहुल जेल जाएंगे तो पार्टी को सहानुभूति मिलेगी और इसका फायदा आगामी लोकसभा चुनाव में मिलेगा।
2. पार्टी में राय बनी, सियासी और कानूनी लड़ाई लड़ी जाए
सूत्र बताते हैं कि आखिरी राय ये बनी कि लड़ाई सियासी व कानूनी दोनों मैदानों में लड़ी जाए। हालांकि सजा के खिलाफ कोर्ट जाने को लेकर देरी का कारण पार्टी यही बताती रही कि फैसले को गुजराती से अंग्रेजी में अनुवाद करने में समय लगा।
3. राहुल अपनी लीगल टीम से नाराज
फैसले को चुनौती देने या जेल जाने के फैसले पर भी पार्टी नेतृत्व बंटा हुआ था। एक राय यह थी कि जेल जाने से सहानुभूति की लहर पैदा होगी। दूसरी यह थी कि चुनौती न देना गलती मान लेना समझा जाएगा। अंतिम फैसला सोनिया गांधी पर छोड़ा गया था। बताते हैं कि राहुल गांधी अपनी लीगल टीम से भी खफा हैं, जिसने चार साल से चल रहे इस केस को गंभीरता से नहीं लड़ा।
पटना कोर्ट में 12 अप्रैल को होंगे हाजिर, वहां भी मानहानि का केस
मानहानि के एक अन्य मामले में पटना कोर्ट में राहुल गांधी को 12 अप्रैल को हाजिर होना है। आरोप है कि राहुल ने मोदी सरनेम वालों काे चोर कहकर उनका अपमान किया था। बता दें कि राहुल पर अलग-अलग राज्यों में मानहानि के पांच मामले दर्ज हैं। इनमें से एक मामले में सूरत कोर्ट उन्हें दो साल की सजा सुना चुका है।
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23 मार्च: मानहानि केस में राहुल को सजा मिली
सूरत की कोर्ट ने 23 मार्च को राहुल को 2 साल कैद की सजा सुनाई। हालांकि, 27 मिनट बाद उन्हें जमानत मिल गई थी। उन्होंने 2019 में कर्नाटक की सभा में मोदी सरनेम को लेकर बयान दिया था। कहा था- सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है। इसके बाद गुजरात के भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल के खिलाफ मानहानि का केस किया था।
24 मार्च: राहुल की संसद सदस्यता रद्द
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता 24 मार्च दोपहर करीब 2.30 बजे रद्द कर दी गई। वह केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य थे। लोकसभा सचिवालय ने पत्र जारी कर इस बात की जानकारी दी। लोकसभा की वेबसाइट से भी राहुल का नाम हटा दिया। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 2013 के एक फैसले में कहा था कि अगर कोई भी सांसद या विधायक निचली अदालत में दोषी पाया गया तो वह संसद या विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य होगा। इसी नियम के तहत राहुल की संसद सदस्यता रद्द हुई है।
25 मार्च: राहुल ने 28 मिनट की प्रेस कॉन्फ्रेंस की
सांसदी जाने के बाद राहुल ने 25 मार्च को प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। राहुल ने कहा, 'भाजपा ध्यान भटकाने की कोशिश करती है। कभी OBC की बात करेगी, कभी विदेश में दिए बयान की बात करेगी। ये लोग मेरी सदस्यता रद्द करके मुझे रोक नहीं सकते। चाहे मुझे सदस्यता मिले, ना मिले, मैं अपना काम करूंगा। अगर ये मुझे स्थायी रूप से डिसक्वालिफाई कर दें, तो भी मैं अपना काम करूंगा। मैं संसद के अंदर रहूं या बाहर, कोई फर्क नहीं पड़ता।
26 मार्च: कांग्रेस ने देशभर में संकल्प सत्याग्रह किया
राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द करने के खिलाफ कांग्रेस ने 26 मार्च को देशभर में संकल्प सत्याग्रह किया। प्रियंका गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, अधीर रंजन जैसे बड़े नेता सुबह-सुबह राजघाट पहुंचे। प्रियंका गांधी ने कहा कि आज तक हम चुप रहे हैं तो आप हमारे परिवार का अपमान करते गए। मैं पूछना चाहती हूं कि एक आदमी का कितना अपमान करोगे। मुझ पर केस लगा दो, लेकिन सच ये है कि इस देश का प्रधानमंत्री कायर है।
27 मार्च: राहुल को बंगला खाली करने का नोटिस मिला
लोकसभा हाउसिंग कमेटी ने 27 मार्च को बंगला खाली करने के लिए राहुल को नोटिस भेजा। कमेटी ने उन्हें 22 अप्रैल तक 12 तुगलक रोड का सरकारी आवास खाली करने को कहा। उधर, 27 मार्च को विपक्ष ने राहुल की सांसदी जाने को लेकर ब्लैक प्रोटेस्ट किया। इसमें 17 विपक्षी दल शामिल हुए। सोनिया गांधी भी काले कपड़े पहनकर संसद पहुंचीं। खड़गे ने कहा, 'हम काले कपड़ों में क्यों आए हैं? हम दिखाना चाहते हैं कि PM मोदी इस देश में लोकतंत्र को खत्म कर रहे हैं।
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