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कोरोना के कहर के बीच लोग तो परेशान हैं हीं, साथ ही झकझोर देने वाले किस्से भी सामने आ रहे हैं। यह मामला गुजरात के राजकोट शहर का है, यहां निजी अस्पताल ने एक कोरोना पॉजिटिव के शव को इतनी बुरी हालत में श्मशान भेजा कि देखने वाले चौंक उठे। शव फटी हुई पीपीई किट में था और नाक-कान से खून भी टपक रहा था। जबकि, अस्पताल ने मृतक के परिवार से इलाज के लिए 1 लाख 11 हजार रुपए की फीस भी वसूल की थी।
अच्छे इलाज की आशा में राजकोट लाए थे परिजन
अमरेली जिले के चांपाथल गांव के रहने वाले मृतक किसान के बेटे मुकेशभाई ने बताया कि रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद अच्छे इलाज के लिए हमने उन्हें राजकोट के क्राइस्ट अस्पताल में एडमिट करवाया था। इसके लिए 1 लाख 11 हजार रुपए की फीस भी जमा की थी। लेकिन, इलाज के तीन दिनों बाद ही सोमवार सुबह उनकी मौत की खबर आ गई। अस्पताल ने परिवार के सदस्यों से कहा कि कोरोना गाइडलाइन के अनुसार उनका शव सीधे श्मशान गृह भेजा जा रहा है। आप वहीं पहुंच जाएं।
शव देखकर चौंक उठे परिजन
मुकेशभाई ने बताया कि हम तुरंत ही श्मशान की ओर रवाना हो गए थे। पिता की मौत सुबह हुई थी, लेकिन उनका शव दोपहर को श्मशान पहुंचा। वहीं, एंबुलेंस से शव उतरते ही हमने देखा कि शव फटी हुई पीपीई किट में था और कान और नाक से खून टपक रहा था। अस्पताल स्टाफ की ऐसी लापरवाही देखकर हम स्तब्ध रह गए।
अस्पताल का तर्क
मुकेशभाई ने बताया कि जब इसकी शिकायत अस्पताल में की गई तो एक वहां के एक डॉक्टर ने कहा कि ऑक्सीजन की नली निकालने के बाद खून बहता है। ऐसा कई मामलों में होता है। हालांकि, शव को पीपीई किट में पैक करने से पहले स्टाफ को खून साफ करना था, जिसमें लापरवाही बरती गई।
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