गुजरात के अहमदाबाद में रसिक मेहता और उनकी पत्नी कल्पना उन जरुरतमंदों तक हरसंभव मदद पहुंचा रहे हैं, जो जिदंगी की जंग लड़ रहे हैं। पिछले साल कोरोना ने उनसे उनका इकलौता जवान बेटा छीन लिया था। बेटे के लिए उन्होंने 15 लाख रुपए की एफडी कराई थी। अब वही नहीं रहा, तो इन पैसों को कोरोना मरीजों के इलाज में खर्च कर रहे हैं। अब तक 200 आइसोलेट मरीजों को कोरोना किट उपलब्ध करा चुके हैं। 350 से ज्यादा लोगों को अपने खर्च पर टीका भी लगवा चुके हैं।
मेहता का कहना है कि बेटे को खोने के बाद हमें यह महसूस हुआ कि क्यों न हम उन तमाम लोगों की मदद करें, जो वास्तव में इसके हकदार हैं। जहां तक संभव होगा, हम मदद करेंगे। मेहता दंपती रोज सुबह ऐसे लोगों को तलाशते हैं, जिन्होंने अब तक टीका नहीं लगवाया है। इनकी पहचान कर वे खुद की कार में ही उन्हें टीका लगवाने ले जाते हैं। उन्होंने अपना एक वाहन कोरोना मरीजों के लिए बतौर एंबुलेंस लगा दिया है। मेहता कहते हैं, ‘जो हमारे साथ हुआ, कोशिश है कि किसी और के साथ न हो।’
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.