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कोरोना जैसी महामारी के दाैरान इलाज काे लेकर सिविल अस्पताल में स्टाफ की भारी कमी है। ऐसे में सिविल अस्पताल के 420 रेजिडेंट डॉक्टरों ने काम करने से मना कर दिया है। उनका कहना है कि कोविड महामारी के दाैरान काम करने के लिए राज्य सरकार ने 25 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि देने का वादा किया था लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी अपना वादा पूरा नहीं किया।
इसके अलावा हमारा वर्क लोड भी पांच गुना बढ़ गया है। साथ हमें अन्य मरीजों को भी देखना होता है ऐसे में कैसे काम करेंगे। रेजिडेंट का कहना है कि उन्हाेंने प्रशासन से और डाॅक्टर बढ़ाने की मांग की है ताकि हमें भी समय पर छुट्टी मिल सके। अगर हमारी मांग पूरी नहीं हुई तो गुरुवार से हम काम नहीं करेंगे।
सुबह 8 बजे से रेजिडेंट डॉक्टर अपनी मांग काे लेकर धरने पर बैठेंगे। बता दें कि अगर रेजिडेंट धरने पर उतर गए ताे सिविल अस्पताल में काेराेना मरीजाें के इलाज में भारी दिक्कत आ सकती है, क्योंकि कोरोना अस्पताल में सबसे ज्यादा काम रेजिडेंट डॉक्टर ही कर रहे हैं।
सरकारी मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ. ऋतंभरा महेता ने बताया कि कोरोना महामारी में अगर रेजिडेंट काम करने से मना कर देंगे तो स्थिति खराब हो जाएगी। इसलिए उनकी मांग जल्द पूरी की जाए। हम एक एक डॉक्टर का इंतजाम कर रहे हैं। रेजिडेंट इसका फायदा उठाने की काेशिश कर रहे हैं। गांधीनगर में इसकी जानकारी दे दी गई है।
16 रेजिडेंट और 6 काेर डॉक्टरों काे वलसाड सिविल से बुलाया
डॉ. ऋतंभरा ने बताया कि कोविड 19 अस्पताल भर गया है पुरानी इमारत में 600 मरीज भर्ती हो चुके हैं। हमारे पास महज 183 बेड बचे हैं जो रात में शायद फुल हो जाएं। दूसरी ओर किडनी अस्पताल में कोरोना ओपीडी शुरू कर दी गई है। इसके लिए हमने वलसाड से 16 रेजिडेंट डॉक्टर, 6 कोर डॉक्टरों की टीम और नर्सों को बुलाया है।
कोविड अस्पताल में मरीज भर्ती हो इसलिए ऑक्सीजन टैंक का इंस्टाॅलेशन जल्द से जल्द करवाने की तैयारी हो रही है। ऐसे में रेजिडेंट डॉक्टरों का यह फैसला मानवता के खिलाफ है। इस महामारी में हमें साथ में काम करना होगा। अहमदाबाद के रेजिडेंट डॉक्टर भी इसी मुद्दे को लेकर काम बंद करने की तैयारी कर रहे हैं। इसलिए हमारे यहां के रेजिडेंट डॉक्टर भी यह फैसला ले रहे हैं। देखते हैं क्या निर्णय निकलता है।
239 दिन बाद सूरत में डबल डिजिट में मौत, नए केस 819
कोरोना के मामले बढ़ने के साथ साथ मौतों के आंकड़े भी अब बढ़ने लगे हैं। बुधवार को 239 दिन बाद सूरत में मौत का आंकड़ा डबल डिजिट में पहुंच गया। 10 मरीजों की मौत के साथ आंकड़ा 1220 तक पहुंच गया है। जबकि कोरोना के 819 नए मामले आए हैं।
इसमें 621 शहर के और 198 ग्रामीण क्षेत्र के हैं। अब तक कोरोना के 70283 मामले आ चुके हैं। वहीं शहर के 593 और ग्रामीण के 73 मरीज ठीक हुए। अब तक 65019 मरीज ठीक हो चुके हैं। एक्टिव मरीजों की संख्या भी अब 4 हजार को पार करते हुए 4044 तक पहुंच गई है। इनमें 1624 मरीजों की हालत गंभीर है। वहीं शहर के दो सबसे बड़े अस्पतालों में गंभीर मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
गुजरात में रिकॉर्ड 3575 नए केस, 9 माह बाद 22 की मौत
गुजरात में रोजाना रिकॉर्ड नए केस आ रहे हैं। लगातार तीसरे दिन कोरोना का आंकड़ा 3 हजार को पार कर गया। पिछले 24 घंटे में 3575 नए केस दर्ज हुए। 2217 मरीज ठीक भी हुए। सूरत में 10, अहमदाबाद में 6, भावनगर, बनासकांठा, महिसागर, महेसाणा, पंचमहाल और वडोदरा में 1-1 समेत 22 मरीजों की मौत हो गई। इससे पहले 25 जुलाई को 22 की मौत हुई थी।
मरने वालों का आंकड़ा 4,602 हो गया। प्रदेश में रिकवरी रेट 92.90 प्रतिशत है। अब तक 3 लाख 28 हजार 453 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। 3 लाख 5 हजार 149 लोग डिस्चार्ज हुए हैं। प्रदेश में 18,684 एक्टिव केस हैं, इनमें से 175 वेंटिलेटर पर हैं। अब तक 80.61 लाख को वैक्सीन लगाई गई।
पॉजिटिव- इस समय ग्रह स्थिति पूर्णतः अनुकूल है। बातचीत के माध्यम से आप अपने काम निकलवाने में सक्षम रहेंगे। अपनी किसी कमजोरी पर भी उसे हासिल करने में सक्षम रहेंगे। मित्रों का साथ और सहयोग आपकी हिम्मत और...
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