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वीर नर्मद दक्षिण गुजरात यूनिवर्सिटी में कमेटी बनने के बाद पहली बार ऐसा मामला सामने आया है जिसमें एक साथ बड़ी संख्या में छात्र क्लास रूम में नकल करते पकड़े गए। फैक्ट कमेटी के सदस्यों ने इस मामले में गंभीरता दिखाते हुए कॉलेज के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और मामले को सिंडिकेट में भेजकर निर्णय लेने के लिए तैयारी की है।
फैक्ट कमेटी के कई सदस्य सिंडिकेट मेंबर भी हैं, उन लोगों ने तय किया है कि अब कॉलेज के खिलाफ कार्रवाई के लिए सिंडिकेट की बैठक में ही निर्णय लिया जाएगा। यूनिवर्सिटी में 3 साल पहले आचार्य कमेटी का नाम बदलकर फैक्ट कमेटी कर दिया गया था। इसमें छात्रों को नकल के मामले में थोड़ी राहत दी गई थी। पकड़े जाने पर उन्हें दंड देकर छोड़ने का नियम बनाया गया था। इसकी वजह से यह यूनिवर्सिटी के लिए यह मामला समस्या बन गई है।
अपील: दो कॉलेजों की मान्यता रद्द की जाएगी
निरीक्षकों ने फैक्ट कमेटी से रिपोर्ट करते हुए दोनों कॉलेजों की मान्यता रद्द करने की मांग की है। इन लोगों ने यूनिवर्सिटी के नियम को जानबूझकर भंग किया है। यह मामला सिंडिकेट को भेजा गया है। सिंडिकेट सदस्य कश्यप खरसिया ने बताया कि जो कॉलेज यूनिवर्सिटी के नियम भंग करेगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
छात्रों का परीक्षा परिणाम रद्द होगा: फैक्ट समिति
फैक्ट कमेटी के सदस्यों ने तय किया है कि कॉलेज के नकलची छात्रों का परिणाम भी रद्द किया जाए। हालांकि अभी इस मामले में आगे चर्चा कर सिंडीकेट में रखा जाएगा, यदि वहां सहमति बनी तो जितने छात्र नकल में शामिल थे, उन सब का परिणाम रद्द किया जाएगा। साथ ही फैक्ट कमेटी के नियम के तहत उन पर कार्रवाई भी की जाएगी।
सजा आसान हुई, इसलिए लापरवाह हुए छात्र
यूनिवर्सिटी में पहले नकल में पकड़े जाने वाले छात्रों के उस विषय का मार्क्स जीरो कर दिया जाता था, लेकिन अब मात्र 500 रुपए का दंड लगाकर उन्हें छोड़ दिया जाता है। इसकी वजह से हर सेमेस्टर की परीक्षा में 100 से ज्यादा छात्र नकल करते पकड़े जाते हैं।
कार्यवाही: 30 नकलची छात्र पकड़े
यूनिवर्सिटी से संलग्न मांगरोल की नर्मदा बीआरएस कॉलेज और सनखेड़ा की बीआरएस कॉलेज शामिल है। इसमें एक कॉलेज में 23 छात्र और दूसरी कॉलेज में 7 छात्र नकल करते हुए पकड़े गए थे। वहां पर छात्रों काे नकल करवाया जा रहा था। जब निरीक्षक जांच के लिए कॉलेज में पहुंचे तो वहां सभी छात्र अलग-अलग तरीके से कॉपी लेकर लिख रहे थे। दोनों कॉलेजों में कई छात्रों के पास नकल की पर्ची थी। कुछ छात्रों के पास किताबें भी मिलीं। वहां पर शिक्षक दरवाजे के बाहर खड़े थे पर उन्हें मौका नहीं मिला कि वह सबकुछ रोक सकें।
इसके पहले भी हो चुकी है कारवाई
यूनिवर्सिटी ने इसके पहले भी कॉलेजों की लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई करते हुए उनकी मान्यता रद्द की है। इसमें प्रोफेसरों की शिकायत पर कार्रवाई की गई थी। इस बार फिर दो कॉलेजों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं। इन कॉलेजों के बारे में अंतिम फैसला यूनिवर्सिटी की सिंडीकेट करेगी।
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