जिला में 2877 छोटी-बड़ी फैक्टरी जिनमें राइस मिल भी शामिल हैं। इस समय चल रही हैं। इनमें कई फैक्टरियां ऐसी भी हैं। जिनमें अत्यंत ज्वलनशील कैमिकल पदार्थ व सामान उपलब्ध है या फिर रोजाना बनता है। यदि इनमें से किसी में आगजनी की कोई घटना हो जाए तो सब कुछ राम भरोसे हैं। क्योंकि किसी भी फैक्टरी मालिक ने अग्रिशमन विभाग से फायर सेफ्टी एनओसी नहीं ली। इसका बड़ा कारण फायर सेफ्टी पर होने वाला खर्च है।
इसी से बचने के लिए जिला में अधिकांश फैक्ट्रियां अग्रिशमन विभाग की बिना एनओसी के ही चल रही हैं। यही हाल जिला में चल रहे अधिकांश राइस मिल का है। आगजनी की घटना होने पर इन फैक्टरियों में लाखों का माल तो जलेगा ही। साथ ही काम करने वाले अनेक लोगों की जान भी संकट में आ जाएगी। खास बात यह है कि ये फैक्टरी, राइस मिल लंबे समय से बिना फायर सेफ्टी एनओसी के चल रही। लेकिन इन फैक्टरियों पर अग्निशमन विभाग ने अभी तक कोई कार्रवाई करना तो दूर की बात किसी को नोटिस तक नहीं दिया है।
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