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पहले चरण में हेल्थ वर्कर्स को वैक्सीन लगाने के साथ साथ अब दूसरे चरण में फ्रंटलाइन वर्कर्स को भी वैक्सीन लगाने की शुरुअात हो चुकी है। शुक्रवार को 318 फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन लगवाने के लिए मैसेज भेजे गए थे, लेकिन जब दोपहर तक भी सेंटर पर वर्कर नहीं पहुंचे तो फोन किए गए।
फोन पर वर्कर्स बहाने बनाते रहे। ज्यादातर वर्कर्स ने तो फोन ही नहीं उठाया। कुछ की पत्नी ने फोन उठाया और बोलीं कि पति बाहर गए हैं और फोन पर घर पर ही छोड़ गए हैं। जिससे बात हुई वे बोले आज छुट्टी पर हूं कल करवा लूंगा। हालात ये रहे कि लक्ष्य का 13.52 प्रतिशत यानि सिर्फ 43 फ्रंटलाइन वर्कर्स ने ही वैक्सीन की पहली डोज ली।
कैथल के सरकारी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में दो सेंटर बनाए गए थे। एक पर हेल्थ वर्कर्स को वैक्सीन लगाई जानी थी और दूसरे पर फ्रंटलाइन वर्कर्स को, लेकिन फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए बनाए गए सेंटर पर 100 बेनिफिशरी में से सिर्फ एक ही वैक्सीन लगवाने के लिए पहुंचा। चार फरवरी को भी पूरे जिले में सिर्फ 24 फ्रंटलाइन वर्कर्स ने ही वैक्सीन लगवाई थी।
वैक्सीन लगवाने उच्चाधिकारी भी नहीं पहुंचे: स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि दूसरे चरण में राजस्व विभाग के 392 वर्कर्स को भी वैक्सीन लगाई जानी है। जिनमें जिला प्रशासन के सभी उच्चाधिकारी भी शामिल हैं। कई उच्चाधिकारी को शुक्रवार को वैक्सीन लगवाने के लिए मैसेज भेजे गए थे, लेकिन उच्चाधिकारी वैक्सीन लगवाने नहीं पहुंचे। जब उच्चाधिकारी ही सहयोग नहीं कर रहे हैं तो मातहत को वैक्सीन लगवाने के लिए कैसे प्रेरित किया जाएगा।
दो दिन से आंगनबाड़ी वर्कर्स करवा रही वैक्सीनेशन: पहले चरण में आंगनबाड़ी वर्कर्स समेत 6750 हेल्थ वर्कर्स को वैक्सीन लगाई जानी थी। अन्य ने तो काफी हद तक वैक्सीन लगवा ली थी, लेकिन आंगनबाड़ी वर्कर्स वैक्सीन लगवाने को तैयार नहीं थी। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने महिला एवं बाल विकास विभाग की अधिकारी के साथ कई मीटिंगें की। उसके बाद आंगनबाड़ी वर्कर्स पर दबाव बनाया गया और नतीजा ये हुआ कि पिछले कुछ दिनों में आंगनबाड़ी वर्कर्स सेंटर पर वैक्सीन लगवाने के लिए पहुंच रही हैं।
^ वैक्सीन लगवाने के लिए किसी के साथ जबरदस्ती नहीं की जा सकती। कर्मचारियों को लगातार मोटिवेट किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के सभी डाॅक्टर्स ने भी वैक्सीन लगवाई है और अब तक कोई साइड इफेक्ट नहीं दिखा है।
डाॅ. नीलम कक्कड़, जिला टीकाकरण अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग।
अब तक 4277 को दी जा चुकी पहली डोज
पहले चरण में सभी सरकारी व प्राइवेट 6750 हेल्थ वर्कर्स को पहली डोज दी जानी थी, लेकिन वर्कर्स के रूचि नहीं लेने से पूरे प्रदेश में फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन लगाने के लिए दूसरा चरण शुरू करना पड़ा।
दूसरे चरण में करीब 2600 कर्मचारियों को पहली डोज दी जानी है, इनमें सबसे ज्यादा करीब 1638 पुलिस कर्मचारी हैं। चिंता अब इस बात की है कि दूसरे चरण में भी फ्रंटलाइन वर्कर्स वैक्सीन लगवाने को तैयार ही नहीं है। परिणाम ये है कि 16 जनवरी से अब तक सिर्फ 4277 को ही वैक्सीन लगाई जा सकी है। जबकि जिले में कोविशील्ड की अब तक 16200 डोज मिल चुकी हैं। एसडीएम शशि वसुंधरा ने कहा कि वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है। कोरोना महामारी को टीकाकरण अभियान के माध्यम से हराया जा सकता है। पंजीकृत व्यक्ति निडर होकर टीकाकरण करवाएं, ताकि भविष्य में कोरोना का प्रभाव आप पर न पड़े।
एसएमओ गुहला डाॅ. प्रीति सिंगला ने बताया कि आज राजस्व विभाग के कर्मचारियों का टीकाकरण किया गया। गुहला में अब 667 स्वास्थ्य कर्मियों व फ्रंट लाइन वारियर्स का टीकाकरण किया जा चुका है। टीकाकरण के बाद सभी स्वस्थ है। उन्होंने बताया कि जिन लोगों को पहले चरण में टीका लगाया गया है उन व्यक्तियों को दोबारा से 28 दिन बाद टीकाकरण करवाया जाएगा।
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