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शहर की स्ट्रीट लाइटों के कनेक्शन सप्ताह भर में कभी भी कट सकते हैं। लोगों को अंधेरे में रहना पड़ सकता है। इसे लेकर बिजली निगम ने तैयारी भी कर ली है। कारण नगर परिषद ने तीन साल से बिजली बिल ही नहीं भरा है और नप निगम से डिफाल्टर भी हो चुका है।
बता दें कि नप पर बिजली निगम का 7 करोड़ 58 लाख रुपए बकाया है। 2018 में बिजली बिल 6 करोड़ था। बिजली बिल की राशि को लेकर हर साल नप व बिजली निगम के बीच ठनती है। बिजली बिल न भरने को लेकर बिजली निगम की नप की हायर अथॉरिटी से बातचीत चल रही है। बता दें कि बिजली निगम का सरकारी विभागों पर करीब 10 करोड़ रुपए अटका पड़ा है।
साढ़े 14 हजार स्ट्रीट लाइटों से जगमग रहता है शहर
बता दें कि शहर को जगमग करने के लिए नप के पास अंडर साढ़े 14 हजार स्ट्रीट लाइटें है। ये लाइटें सेक्टर्स व सड़कों पर लगी हैं। रात के समय शहर को जगमग करने के लिए इन स्ट्रीट लाइटों का ही सहारा लिया जाता है।
2016 में 3 दिन के लिए कटा था कनेक्शन
बता दें कि बिल न भरने को लेकर बिजली निगम पहले भी नप का कनेक्शन काट चुका है। साल 2016 में निगम ने नप का कनेक्शन तीन दिन काटे रखा। उस समय नप पर निगम का 8 करोड़ रुपए बकाया था। कनेक्शन के कटने से तीन दिनों तक नप कार्यालय में लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी थी। कमेटी कार्यालय में कामकाज ठप हो गया था।
जल्द ही बिल नहीं भरा तो कनेक्शन काट दिया जाएगा
बिजली निगम एसई कर्ण सिंह भौरिया ने कहा कि नप को बिल भरने के लिए बोला है। अगर जल्द ही बिल नहीं भरा तो कनेक्शन काट दिया जाएगा।
फंड की कमी है
नप ईओ रविंद्र कुहाड़ ने कहा कि अभी फंड की कमी है। जिस वजह से बिल नहीं भरा जा रहा। वहीं उन्होंने कहा कि नगर परिषद का बिजली निगम पर एम टैक्स व अन्य कई टैक्स बनते है जिनकी राशि को बिल में कटवा दिया जाता है। बिल को वेरिफाई कराया जाएगा। फंड आते ही बिल को भर दिया जाएगा।
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