सरकार ने पानी के संरक्षण, प्रबंधन, पुन उपयोग, रिचार्ज और रिसाइक्लिंग पर बल देने के लिए आगामी 2 वर्षों 2021-23 को जल द्विवार्षिक के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। योजना के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है। जल संसाधन प्रबंधन के क्षेत्र में एक सतत जलसंसाधन प्रणाली विकसित करने के उद्देश्य से हरियाणा जल संसाधन (संरक्षण, विनियमन एवं प्रबंधन) प्राधिकरण की भी स्थापना की है।
इसके साथ ही प्रदेश के तालाबों के माध्यम से गांव में भूजल स्तर में सुधार लाने और बरसाती पानी का संरक्षण करने के उद्देश्य से तालाबों के समूचे विकास कार्य के समन्वय और निगरानी हेतु हरियाणा तालाब एवं अपशिष्ट जल प्रबंधन प्राधिकरण को नोडल एजेंसी बनाया है। विधायक ने कहा कि यमुना नदी में मानूसन अवधि के दौरान उपलब्ध अतिरिक्त पानी का प्रयोग करने के लिए प्रमुख सिंचाई तंत्र की वहन क्षमता बढ़ाने और सुधार करने के उद्देश्य से दिल्ली शाखा, संवर्धन नहर, जवाहर लाल नेहरू करनाल, हांसी शाखा का पुनः उद्धार किया जाएगा। प्राण वायु देवता योजना के तहत 75 साल से अधिक आयु के वृक्षों के रख-रखाव के लिए 2500 रुपए प्रति वर्ष प्रति पेड़ पेंशन भी दी जाएगी।
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