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2012 में निकली पोस्ट ग्रेजुएट टीचर्स (पीजीटी) की भर्ती में चयनित डीम्ड यूनिवर्सिटी के आवेदकों को हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के नियुक्ति देने के आदेशों के 5 साल बाद भी नियुक्ति न देने पर हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए आदेश को लागू करने को कहा है।
गुरुवार को हाईकोर्ट में इस मामले में चयनित आवेदकों की ओर से दायर की गई अवमानना याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें हाईकोर्ट ने कहा कि नियुक्ति पर कोई स्टे और रिव्यू नहीं है ऐसे में हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के पीजीटी को नियुक्ति देने के फैसले को लागू किया जाए। अगर अगली तारीख 3 फरवरी 2021 तक फैसले को लागू नहीं किया जाता तो हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के सचिव और शिक्षा विभाग के निदेशक हाईकोर्ट में पेश हो।
गौरतलब है कि 2012 में निकली पीजीटी की भर्ती में चयनित सैकड़ों आवेदकों को केवल इसलिए नियुक्ति नहीं दी गई थी क्योंकि उनकी डिग्री डीम्ड यूनिवर्सिटी से थी। इस मामले को लेकर चयनित आवेदक हाईकोर्ट में गए थे। इस पर फैसला देते हुए हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने साढ़े 5 साल पहले 22 मई 2015 को डीम्ड यूनिवर्सिटी डिग्री धारकों को सशर्त नियुक्ति देने के आदेश दिए थे। लेकिन सरकार ने इस फैसले के खिलाफ डबल बेंच में एलपीए दायर कर दी थी। हाईकोर्ट की डबल बेंच में मामले की सुनवाई के दौरान ही सरकार ने अपनी याचिका 19 अगस्त 2019 को वापस ले ली थी। याचिका तो वापस ले ली लेकिन पीजीटी को नियुक्ति अब तक नहीं दी गई।
इन यूनिवर्सिटी के आवेदकों की रुकी है नियुक्ति
इन यूनिवर्सिटी में आईएएसआई यूनिवर्सिटी राजस्थान, बेंगलुरु यूनिवर्सिटी, विनायक मिशन यूनिवर्सिटी तमिलनाडु और जेआरएन विद्यापीठ यूनिवर्सिटी राजस्थान से स्नातकोत्तर करने वाले आवेदक शामिल हैं। दिलचस्प बात तो यह है कि इन यूनिवर्सिटी से डिग्री करने वाले आवेदकों की जांच भी छह साल पहले करवाई गई थी। जिसमें डिग्री सही पाई गई थी।
नियुक्ति का है इंतजार : हाईकोर्ट के नियुक्ति देने के फैसले को न मानने पर अवमानना याचिका दायर करने वाले चयनित आवेदक कुरुक्षेत्र निवासी प्रशांत शर्मा ने कहा कि सभी दस्तावेज सही होने और पूरी प्रक्रिया को पास करने के बावजूद नियुक्ति नहीं मिल पा रही है। उन्होंने कहा कि पिछले कई सालों से हाईकोर्ट में नियुक्ति पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
हाईकोर्ट के फैसले को भी सरकार नहीं मान रही। जिसके चलते अब अवमानना याचिका दायर की गई है। प्रशांत शर्मा ने कहा कि उनके साथ चयनित होने वाले दूसरी यूनिवर्सिटी के आवेदक नौकरी कर रहे हैं और वे धक्के खा रहे हैं। यह पूरी तरह से अन्याय है।
आदेश लागू नहीं किया तो कर्मचारी चयन आयोग के सचिव और शिक्षा विभाग के निदेशक होंगे पेश
डीम्ड यूनिवर्सिटी के चयनित पीजीटी आवेदकों के पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट सुरेश कौशिक ने बताया कि हाईकोर्ट के 22 मई 2015 को नियुक्ति देने के आदेशों को लागू करवाने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की गई है। उन्होंने बताया कि गुरुवार को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सिंगल बेंच के 22 मई 2015 को दिए नियुक्ति के आदेशों को लागू करने को कहा है। वहीं अगर आदेशों को लागू नहीं किया जाता तो हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के सचिव और शिक्षा विभाग के निदेशक को हाईकोर्ट में पेश होना होगा। अब इस मामले में अगली सुनवाई 3 फरवरी 2021 को होगी।
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