यमुनानगर में कपाल मोचन मेला शुरू हो गया है। दूसरे दिन रोडवेज की 18 बसों में 900 श्रद्धालु कैंट बस स्टैंड से कपालमोचन में पहुंचे। रोडवेज अधिकारियों ने बताया कि मेले के लिए स्पेशल बसें चलाई गई हैं। दिन या रात में जब भी पंजाब से श्रद्धालु कैंट बस स्टैंड पर पहुंचेंगे तो उन्हें बसों में बैठाकर मेले में भेजा जाएगा।
इसके अलावा रोडवेज बसों पर निगरानी रखने के लिए सढाैरा में एक चेकिंग प्वाइंट भी बनाया है। रोडवेज की बस अम्बाला कैंट से निकलने के बाद सढाेरा से होते हुए मेले में जाएगी। इससे बसों की निगरानी रखी जा सकेगी। अधिकारियों का कहना है कि रोडवेज की बस में जितनी सीटें हैं उसी के मुताबिक टिकट काटी जाती हैं। जैसे ही बस फुल हो जाती है तो उसे कपालमोचन मेले के लिए रवाना कर दिया जाता है।
बस स्टैंड पर पंजाब से आने वाले श्रद्धालुओं से बातचीत और उनको हर तरह की जानकारी देने के लिए रोडवेज की ओर से 25 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई है। इन कर्मचारियों में अम्बाला डिपो के अलावा, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर के रोडवेज इंस्पेक्टर व अन्य स्टाफ शामिल हैं। रोडवेज अधिकारियों ने इन स्टाफ की 24 घंटे की ड्यूटी बस स्टैंड पर लगा रखी है।
बस स्टैंड पर मौजूद इंस्पेक्टर ने बताया कि कपालमोचन मेले के लिए पहले दिन यानि 14 नवंबर को 19 बसें रात तक गई थी तो वहीं 15 नवंबर को 18 बसें श्रद्धालुओं को लेकर कपालमोचन मेले में गई। मेले में आगे दो दिन तक श्रद्धालुओं की भीड़ और बढ़ेगी। अम्बाला रोडवेज अपनी बसों के साथ-साथ यमुनानगर व पंचकूला की बसों से भी कपालमोचन मेले में श्रद्धालुओं को बस स्टैंड से भेजने में जुटा है।
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