हरियाणा के अंबाला में नहर में डुबकर एक ही परिवार के 4 सदस्यों की मौत की गुत्थी अभी अनसुलझी है। यह हादसा है या खुदकुशी ? अभी संशय बना हुआ है। हालांकि, पुलिस प्राथमिक दृष्टि से इसे खुदकुशी मान रही है।
क्योंकि प्रत्यक्षदर्शी ने पुलिस को बताया है कि रविवार को हादसे से पहले कुलबीर ने अपनी कार नहर के पास 15 मिनट रोकी थी। यहां कुलबीर की उसकी पत्नी के साथ बहस भी हुई थी। इसके बाद दोनों गुस्से में कार में बैठे और नहर में कूदा दिया। कुलबीर के पिता सुच्चा सिंह ने कहा कि कुलबीर सिंह शुगर और बीपी का मरीज था, जिसकी वजह से वह मानसिक रूप से कई बार परेशान हो जाता था। मंगलवार को सिविल अस्पताल अंबाला सिटी के डॉक्टरों के पैनल ने परिवार को सभी सदस्यों के शवों को पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया।
बता दें कि नन्यौला पुलिस चौकी ने सोमवार शाम करीब साढ़े 5 बजे नरवाना ब्रांच से मारूती 800 गाड़ी निकाली थी, जिसमें पंजाब के लालडू थाना के अंतर्गत आने वाले गांव टिवाना निवासी 40 वर्षीय कुलबीर, उसकी पत्नी कमलजीत कौर, 16 वर्षीय बेटी जश्नप्रीत कौर और 11 वर्षीय खुशदीप के शव बरामद हुए थे।
रविवार सुबह नहर में गिरी थी कार
पुलिस के मुताबिक, कुलबीर अपने परिवार के साथ पंजाब के शंभू के पास स्थित कबूलपुर ससुराल जा रहा था। इससे पहले वह गुरुद्वारा जंडमंगौली भी गए थे। यहां उनके रिश्तेदार रहते हैं।सोमवार को नन्यौला पुलिस चौकी पहुंचे गलौर गांव के युवक ने पुलिस को सूचना दी थी कि रविवार सुबह करीब 11 बजे एक गाड़ी नरवाना ब्रांच में गिरी है, जिसकी सूचना पर पुलिस ने गोताखोरों की मदद से करीब ढाई घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद गाड़ी को नहर से निकाला।
आर्थिक तंगी के कारण परेशान था कुलबीर
कुलबीर सिंह के दोस्त गांव चरमड़ी निवासी बहादुर सिंह ने बताया कि उसका दोस्त कुलबीर सिंह पिछले 5 महीने से आर्थिक तंगी के कारण मानसिक रूप से परेशान चल रहा था। कुछ दिन पहले भी कुलबीर ने उससे मुलाकात करके कहीं से पैसे की अरेंजमेंट करने की बात कही थी। बताया कि कुलबीर सिंह ने 3 दिन पहले ही उससे मुलाकात की थी। रविवार को कुलबीर सिंह अपने परिवार को लेकर ससुराल गया था, लेकिन अंबाला के इस्माइलपुर के पास नरवाना ब्रांच में अपने परिवार के साथ कुलबीर सिंह ने आत्महत्या कर ली।
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