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  • Ambala News: Case Of Embezzlement Of More Than 2 Crores In Kurukshetra Hafed Warehouse. State Vigilance Karnal Arrested 7 Including 6 Officers Of PWD And Hafed

हरियाणा में स्टेट विजिलेंस की कार्रवाई:हैफेड के 6 अधिकारी और कॉन्ट्रैक्टर गिरफ्तार; कुरुक्षेत्र गोदाम के निर्माण में 2 करोड़ का घपला किया

अंबाला2 महीने पहले
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हरियाणा के कुरुक्षेत्र में हैफेड के गोदाम के निर्माण कार्य में बरती गई अनियमितताओं और 2 करोड़ के गबन मामले में पीडब्ल्यूडी बीएंडआर और हैफेड के अधिकारियों पर गाज गिर गई है। स्टेट विजिलेंस ब्यूरो ने कार्रवाई करते हुए पीडब्ल्यूडी बीएंडआर के अधिकारी समेत 7 लोगों को गिरफ्तार किया है।

मामला अंबाला विजिलेंस में 30 अगस्त 2022 को दर्ज किया गया था। विजिलेंस गहन पूछताछ के लिए आरोपियों को कोर्ट में पेश करके जेल भेज दिया है। हालांकि, आरेापी कॉन्ट्रैक्टर को रिमांड पर लेकर विजिलेंस पूछताछ कर रही है।

गिरफ्तार होने वालों में पीडब्ल्यूडी बीएंडआर के SE राजीव जैन, हैफेड के SDE सुमित कुमार, हैफेड के JE राजेश सिरोही व विभोर नागपाल, अकाउंटेंट राजबीर सिंह, प्रेम सिंह और कॉन्ट्रैक्टर मैसर्ज गर्ग एंड कंपनी के शशांक गर्ग शामिल हैं।

निर्माण कार्य में पाई गई अनियमितता
अंबाला विजिलेंस द्वारा केस दर्ज करने के बाद ओपन एयर गोदाम के निर्माण सामग्री के कई बार सैंपलिंग हुई। सैंपलों की रिपोर्ट फेल पाई गई। यही नहीं, निर्माण सामग्री की खरीद प्रक्रिया में भी गड़बड़ी पाई गई। आरोप है कि इस मामले में अधिकारियों ने मिलीभगत करके 2 करोड़ 14 लाख 10 हजार 676 रुपए का गबन किया है।

कुरूक्षेत्र में बनाना है ओपन एयर गोदाम
कुरुक्षेत्र के भोर सेंयदा में हैफेड का ओपन एयर गोदाम बनाया जाना था,जिसका कॉन्ट्रैक्ट मैसर्ज गर्ग एंड कंपनी को दिया गया। गोदाम का निर्माण कार्य पीडब्ल्यूडी बीएंडआर और हैफेड के अधिकारियों की निगरानी में होना था, लेकिन गोदाम के निर्माण कार्य संबंधी एक शिकायत स्टेट विजिलेंस के पास पहुंची थी। जिसके बाद पंचकूला से तकनीकी शाखा को विशेष जांच का जिम्मा सौंपा गया। अगस्त 2016 को तकनीकी शाखा ने आरोपों की जांच की।

गड़बड़ी मिलने पर अंबाला में केस दर्ज
कमेटी द्वारा जांच करने पर सामने आया कि निर्माण सामग्री के दाम ज्यादा दिखाए गए। यही नहीं, टेंडर प्रक्रिया में भी कई तरह की गड़बड़ी पाई गई। इस मामले में ACS ने संज्ञान लेते हुए सितंबर 2018 में जिम्मेदार अफसरों व ठेकेदार के खिलाफ IPC की धारा 218, 409, 420 व 120बी समेत कई धाराओं के तहत केस दर्ज और रिकवरी करने के निर्देश दिए। इस मामले में 2.2 करोड़ की रिकवरी भी की गई थी।