हरियाणा के अंबाला कैंट रेलवे स्टेशन से जीआरपी ने साधु की वेशभूषा में नशा बेच रहे 2 तस्करों को काबू किया। चेकिंग के दौरान 19 किलो चूरापोस्त बरामद हुआ। पूछताछ में दोनों नशा तस्करों की पहचान लुधियाना के चिट्टी कॉलोनी हजुरी बाग निवासी शौकी व सन्नी के रूप में हुई। जीआरपी को सूचना मिली थी कि दो सगे भाई साधु की वेशभूषा में ट्रेनों के भीतर भिक्षा मांगते हैं। लेकिन भीख मांगने की आड़ में रोजाना रेलवे स्टेशन पर यात्रियों सहित आसपास के लोगों को चूरापोस्त बेचते थे। मंगलवार देररात पकड़े आरोपियों का बुधवार कैंट सिविल अस्पताल में मेडिकल हुआ।
भगवा रंग के कपड़ों में थे नशा तस्कर
जीआरपी ने टीम गठित कर दोनों को कैंट रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर पकड़ा। दोनों ने भगवा रंग के कपड़े पहनने के अलावा थैले ले रखे थे। प्राथमिक पूछताछ में दोनों ने खुलासा किया है कि वह मध्यप्रदेश से नशा खरीदने के बाद अलग-अलग ट्रेनों के जरिए आते थे। साधू की वेशभूषा में होने के कारण न तो कोई टिकट की जरूरत पड़ती थी और न ही कोई उन पर शक करता था।
मुख्य सरगना की तलाश में मध्यप्रदेश जाएगी जीआरपी
जीआरपी अब दोनों सगे भाई को कोर्ट में पेश करके रिमांड पर लेगी, ताकि वह आरोपियों को मध्यप्रदेश ले जाने के बाद नशे के मुख्य सरगना तक पहुंच सके। इसके अलावा दोनों से पूछताछ करके दूसरे साथियों का भी पता लगाया जाएगा, जो नशे का कारोबार करते हैं। जीआरपी जांच अधिकारी राजकुमार ने बताया कि दो सगे भाइयों से 19 किलो चूरापोस्त बरामद किया गया है, जिसकी कीमत करीब 40 हजार रुपए है। साधु की वेशभूषा में वह ट्रेनों सहित प्लेटफार्म पर भिक्षा मांगते रहते थे। उसी की आड़ में नशा बेचने का भी कारोबार भी किया करते थे।
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