कोविड काल में बंद हुई मिड-डे मील योजना अभी तक सिरे नहीं चढ़ पाई है। हरियाणा सरकार द्वारा जारी नए नियमों के बाद मिड-डे मील योजना अधिकारियों के फैसलों में ही उलझ गई है। यही कारण है कि अभी तक अंबाला जिले के करीब 600 सरकारी स्कूलों की रसोई में सूखा राशन (गेहूं, चावल व अट्टा) तक नहीं पहुंचा है।
1 मई से शुरू होनी थी मिड डे मील योजना
नया सत्र 2022-23 शुरू हुआ तो 1 मई से पुन: मिड-डे मील योजना शुरू करने के निर्देश जारी किए गए थे, लेकिन अभी तक शिक्षा विभाग जिलेभर के प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों में मिड-डे मील योजना को शुरू नहीं करा पाया है।
पब्लिक फंड मैनेजमेंट सिस्टम किया लागू
नए सत्र से पीएफएमएस यानि पब्लिक फंड मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया गया है। अब राशि अध्यापकों के खाते में नहीं, बल्कि सप्लायर के खाते में जाएगी, जहां से शिक्षक नमक, मिर्च व ईंधन सहित अन्य सामान खरीदेंगे। विभाग द्वारा उनके खाते में सीधी राशि डाली जाएगी।
सरकार स्कूलों में भेजें सूखा राशन
राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला प्रधान अमित छाबड़ा का कहना है कि कोविड काल के बाद से सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील योजना सुचारु रूप से शुरू नहीं हो पाई है। शिक्षक व्यवस्था बनाने को तैयार हैं, लेकिन सरकार स्कूलों में सूखा राशन तो भेजें।
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