मंगल रविवार सुबह 5:58 बजे वृश्चिक राशि में प्रवेश कर चुके हैं। यह इस राशि में 16 जनवरी तक रहेंगे। हालांकि सूर्य, बुध और केतु इस राशि में पहले से ही मौजूद हैं। यानी वृश्चिक में अभी मंगल, सूर्य, बुध और केतु मिलकर चतुर्ग्रही योग बना रहे हैं। सूर्य जब 16 दिसंबर को धनु राशि में प्रवेश करेंगे तो महिलाओं और व्यापार जगत के लिए आर्थिक लाभ के अवसर बढ़ेंगे। बुध के इस राशि में रहने से किसानों की माली हालत में सुधार होगा। हालांकि दक्षिण और पश्चिमी क्षेत्रों में कृषि में नुकसान हो सकता है।
मंगल स्वराशि में रहने से वृष, सिंह और कुंभ लग्नों के लिए पंच महापुरुष योग
मंगल स्वराशि में रहने से वृष, सिंह, वृश्चिक और कुंभ के लग्नों के लिए रोचक नामक पंच महापुरुष योग की निष्पत्ति भी होगी। यह समय सेना नायक, रक्षा क्षेत्र से जुड़े हुए व्यक्तियों के लिए उन्नति कारक रहेगा, लेकिन मंगल, केतु की युति प्राकृतिक प्रकोप एवं रक्त से संबंधित बीमारियों को बढ़ावा देगी, संक्रमण बढ़ने के भी संकेत हैं। लाल वस्तुओं के भाव भी बढ़ेंगे। वर्तमान ग्रहों की स्थितियां मौसम में भी उतार-चढ़ाव लाएंगी।
राजनीतिक विवाद बढ़ेंगे : ज्याेतिषाचार्याें के मुताबिक मंगल के चलते इस अवधि में लोगों को अपने काम पूरा करने के लिए भागदौड़ अधिक करना पड़ेगी। राजनीतिक हलकों में आपसी विवाद बढ़ेंगे। आरोप-प्रत्यारोप का क्रम जनवरी के पहले पखवाड़े तक चरम पर पहुंचता दिखेगा।
मंगल का प्रभाव : मंगल ग्रह को मेष और वृश्चिक राशि का स्वामी माना जाता है। मंगल को ग्रहों का सेनापति कहा जाता है। इन दोनों राशियों में मंगल अत्याधिक सक्रिय रहता है। इससे उसका तेज भी बढ़ जाता है। मंगल के इस गोचर का सभी राशियों पर प्रभाव पड़ता है।
चतुर्ग्रही योग का संयाेग : अभी वृश्चिक राशि में मंगल, सूर्य, बुध और केतु।
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