प्रदेशभर की आशा वर्कर्स ने सोमवार 10 घंटे तक गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के निवास स्थान पर प्रदर्शन किया। सुबह 10 बजे प्रदेशभर की आशा वर्कर्स एकजुट होकर कॉलोनी के बाहर सर्विसलेन पर बैठ गई। दोपहर 3 बजे तक जब कोई नहीं आया तो आशा वर्करों का गुस्सा फूट पड़ा। कॉलोनी के मुख्य गेट पर धरना देने लगी तो पुलिस के साथ जमकर नोंकझोंक भी हुई। इस दौरान झज्जर निवासी राजबाला व फरीदाबाद निवासी हेमलता की तबीयत बिगड़ गई। आनन-फानन में पुलिस ने उन्हें प्राथमिक उपचार के लिए कैंट सिविल अस्पताल में दाखिल करवाया।
7 बजकर 20 मिनट पर मिले मंत्री विज, बोले: जल्द बुलाएंगे मीटिंग
आशा वर्करों को शांत करवाने के बाद एक प्रतिनिधि मंडल को पुलिस गृहमंत्री अनिल विज के पीए से मुलाकात करवाने के लिए लेकर गई। गृहमंत्री अनिल विज के न होने पर आशा वर्कर ने उनके आने पर प्रदर्शन समाप्त करने की बात कहते हुए वापस धरने पर बैठ गई। इस दौरान मुख्य गेट का रास्ता छोड़ दिया। रात करीब 7 बजकर 20 मिनट पर मंत्री अनिल विज ने आशा वर्करों से मुलाकात की। उन्हें आश्वासन दिया कि जल्द ही उनकी मांगों को पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि एसीएस हेल्थ अभी विदेश गए है और कुछ दिन में उनके आते ही आशा वर्कर सहित अधिकारियों की मीटिंग बुलाई जाएगी।
मांगें नहीं मानी तो आंदोलन होगा तेज
आशा वर्कर यूनियन की राज्य महासचिव सुनीता ने बताया कि आशा वर्करों ने कोरोना योद्धा के रूप में काम किया है। लेकिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 1500 रुपए मानदेय की दो फाइलों को रद्द कर दिया है। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज द्वारा आशा वर्करों की फाइलों को पास करने के लिए मुख्यमंत्री के पास भेजा गया था। लेकिन फाइल रद्द होने से वे निराश हैं। उनकी सरकार से मांग है कि रद्द फाइलों को दोबारा से प्रक्रिया में लाया जाए। 1500 रुपए मानदेय जल्द दिया जाए। साथ ही आशा वर्करों के उपचार का जिम्मा भी सरकार उठाए। जल्द ही उनकी मांगों को नहीं माना गया तो आंदोलन को तेज किया जाएगा।
बोली कि आशा वर्कर है स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ की हड्डी
आशा वर्कर ने कहा कि सरकार ने एनएचएम में कार्यरत सभी कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग का तोहफा दिया है, यह सराहनीय काम है। लेकिन इसमें आशा वर्कर्स की अनदेखी की गई है। जबकि आशा वर्कर्स स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ की हड्डी हैं। तमाम योजनाओं को लोगों तक आशा वर्कर ही लेकर जाती हैं। कोरोना काल में आशा वर्करों ने अपनी जान की परवाह न करते हुए काम किया है। कोरोना संक्रमित मरीजों को चिह्नित करके उन्हें आइसोलेट करने, उन तक दवाई पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कोरोना रोधी टीकाकरण अभियान के दौरान भी आशा वर्कराें का योगदान सराहनीय रहा है।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.