जिस व्यक्ति की आईडी बनेगी उसके पास आधार लिंक मोबाइल नंबर होना जरूरी, खुद भी कर सकते हैं जनरेट
आधार कार्ड, पैन कार्ड व फैमिली आईडी जैसे जरूरी दस्तावेजों की तरह अब एक अहम दस्तावेज यूनिक हेल्थ आईडी (यूएचआईडी) कार्ड होगा। केंद्र सरकार के डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत बनाए जा रहे इस कार्ड में व्यक्ति की सेहत से जुड़ी सभी जानकारियां रहेंगी। मरीज को सिविल अस्पताल, पीजीआई या अन्य किसी भी हेल्थ संस्थान इलाज के लिए जाना हो तो उसे अपनी ओपीडी की हिस्ट्री व टेस्ट की रिपोर्ट साथ लेकर जाने की जरूरत नहीं रहेगी।
इस कार्ड में ही ये सारी जानकारियां रहेंगी। अस्पताल में इस आईडी काे डालते ही डाॅक्टर के सामने मरीज के पूरी मेडिकल हिस्ट्री आ जाएगी। इस यूनिक हेल्थ आईडी कार्ड से सेहत का एक डाटा बेस तैयार हो जाएगा। जिले में इसके लिए तेजी से काम चल रहा है। अभी तक जिले में 3 हजार यूनिक आईडी कार्ड बनाए भी जा चुके हैं।
सिविल सर्जन डॉ. कुलदीप सिंह ने बताया कि पीएचसी, सब सेंटर व हेल्थ सेंटर स्तर पर ऐसे कार्ड बनाए जा रहे हैं। सिविल अस्पताल में एनसीडी विंग में यूएचआईडी कार्ड बनाए जा सकते हैं। जिले में घूम रही स्वास्थ्य विभाग व मेदांता की मल्टीस्पेशियलिटी मेडिकल यूनिट की बसाें में भी ये कार्ड बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा नेशनल हेल्थ डिजिटल हेल्थ मिशन (एनडीएचएम) की वेबसाइट htpps://healthid.ndhm.gov.in/ register पर जाकर भी यूएचआईडी कार्ड बनवाया जा सकता है। डॉ. कुलदीप सिंह के मुताबिक जब सभी लोगों की यूएचआईडी बन जाएंगी तक स्वास्थ्य विभाग का स्वरूप बदला नजर आएगा।
14 अंकाें की डिजिटल यूनिक आईडी हाेगी
नेशनल हेल्थ मिशन ऑफिस की डॉ. नीनू गांधी ने बताया कि फैमिली आईडी की तर्ज पर यह आईडी बन रही है। इसमें मरीज को 14 डिजिट का यूनिक आईडी नंबर मिलेगा। इसके लिए आधार लिंक मोबाइल नंबर होना जरूरी है। आईडी बन जाने के बाद अगर किसी मरीज को सिविल अस्पताल से पीजीआई रेफर किया जाएगा तो वहां सिर्फ उसकी यूएचआईडी ही देखी जाएगी। जिसमें मरीज की सारी मेडिकल हिस्ट्री रहेगी। ऐसे मरीज को अपने दस्तावेज लेकर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
डॉक्टर को यूएचआईडी से ही पता चल जाएगा कि मरीज ने पहले किस डॉक्टर को दिखाया, कौन सी दवाई ली, क्या टेस्ट हुए और क्या इलाज चलाया है। इससे हेल्थ रिकॉर्ड डिजिटल हो जाएगा। आगे चलकर आयुष्मान जैसी सरकार की दूसरी योजनाएं इस कार्ड से जुड़ेंगी। इस आईडी से पता चल जाएगा कि मरीज को पहले आयुष्मान भारत मिशन योजना का लाभ मिल रहा है या नहीं।
डॉ. नीनू गांधी ने बताया कि सोमवार को ऐसी 2 हजार आईडी बनाई गई हैं। ये आईडी अस्पताल में एनसीडी विंग व फील्ड में कम्यूनिटी हेल्थ ऑफिसर के द्वारा, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर व सब सेंटरों पर आईडी बनाई जा रही हैं। सीएससी व कैपों में भी आईडी जनरेट की जा रही है। डॉ. गांधी ने बताया कि इसे कोविन एप के साथ जोड़ने की कोशिश भी चल रही है।
ऐसे बना सकते हैं अपना यूनिक हेल्थ आईडी कार्ड
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