बिजली निगम एसई ऑफिस में उपभाेक्ता शिकायत निवारण फाेरम का खुला दरबार लगा। जाे छाेटी-छाेटी शिकायतें एसडीओ कार्यालय में भी निपट सकती हैं, ऐसी शिकायत भी फाेरम के पास पहुंची। एक कंज्यूमर का बिजली कर्मचारियाें ने मीटर बिजली पाेल की बजाए टेलीफोन के खंभे पर टांग दिया।
इसी तरह दुखेड़ी रेलवे स्टेशन की बिजली सप्लाई ग्रामीण से शहरी फीडर पर करवाने के लिए रेलवे कर्मचारी 3 साल से चक्कर काट रहे हैं। वहीं, फाेरम चेयरमैन ने सभी एसडीएओ काे निर्देश दिए कि सब डिवीजन स्तर पर निपटने वाली शिकायतें वहीं निपटाई जाएं ताकि कंज्यूमर काे परेशानी न हाे। सभा में बिजली आपूर्ति, बिल समेत कनेक्शन से जुड़ी 17 से ज्यादा शिकायतें पहुंची।
रेलवे जेई कृष्ण चंद ने बताया कि दुखेड़ी रेलवे स्टेशन की बिजली सप्लाई काे ग्रामीण फीडर से शहरी फीडर में जाेड़ने के लिए आवेदन दिया था। दुखेड़ी रेलवे स्टेशन के विद्युत सप्लाई कई वर्षाें से ग्रामीण फीडर से चल रही है, जबकि रेलवे डिपार्टमेंट एमएस सप्लाई का विद्युत बिल निरंतर पेड कर रहा है। दुखेड़ी रेलवे स्टेशन से मीटर पॉइंट की दूरी करीब 800 मीटर हाेने से विद्युत सप्लाई की वाेल्टेज प्राॅब्लम भी रहती है।
उन्हाेंने बताया कि रेलवे की ओर से शहरी फीडर से जाेड़ने के लिए तीन साल से पत्र लिखे जा रहे हैं। मगर अभी तक निगम ने काेई कार्रवाई नहीं की। इसके अलावा धूलकाेट रेलवे स्टेशन का बिल भी पिछले 6 महीने से एवरेज भेजा जा रहा है। फाेरम के सामने दाेनाें मामले की शिकायतें रखी गई।
ये शिकायतें भी आई: बिना बताए उसके प्लॉट से खींच दी तारें, अब एस्टीमेट का खर्च मांग रहे : हरदेव
मटहेड़ी शेखां के हरदेव सिंह ने शिकायत दी कि उनके प्लाॅट के ऊपर से बिजली निगम ने उनकाे बिना बताए तारें खींच दी। उन्हाेंने शिकायत देकर प्लाॅट के ऊपर से तारें हटाने को कहा। निगम अधिकारियाें ने कहा कि तारें हटवाने के लिए एस्टिमेट बनेगा। एस्टीमेट का जाे भी खर्च आएगा वह उन्हें ही देना हाेगा। हालांकि एक्सईएन ने जेई भेजकर माैके का निरीक्षण करने के लिए भी आश्वासन दिया।
पहले मीटर टेलीफोन पोल पर लगा दिया, अब सरचार्ज भी ले रहे: मोहन
बब्याल निवासी मोहन लाल ने बताया कि उन्हाेंने दुकान किराए पर दी थी। किरायेदार से उन्हाेंने दुकान खाली करवा ली। किरायेदार ने उन्हें बताया कि उसे कई माह से बिजली बिल ही नहीं मिले। पहले ताे उसने दुकान का मीटर निगम में फीस भरकर दुकान से बाहर निकलवाया। निगम कर्मचारियाें ने मीटर काे उनकी दीवार या निगम के खंभे पर टांगने की बजाए टेलीफोन के खंभे पर टांग दिया और निगम ने बिजली बिलाें का 36 हजार रुपए पेडिंग बताया।
उन्हाेंने बिल भरने के लिए 6-6 हजार की किस्त बनाई। जब उन्हाेंने पहली किस्त भरी ताे दाेबारा उनका बिल 32 हजार आ गया। 30 हजार बिल के साथ दाे हजार सरचार्ज लगा। उन्हाेंने शिकायत देते हुए कहा कि वह बिल की पूरी मूल राशि भरने के लिए तैयार है। उनका सरचार्ज माफ किया जाए।
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