मेधावी छात्राें काे प्राइवेट स्कूलाें में एडमिशन दिलाने के लिए शिक्षा विभाग अधिकारी चिट्ठी-चिट्ठी खेल रहे हैं। मगर प्राइवेट स्कूल बच्चाें काे एडमिशन देने के लिए तैयार नहीं। सभी ब्लाॅक के बीईओ 2 से 3 बार स्कूलाें काे एडमिशन देने के लिए ऑर्डर कर चुके हैं। नतीजा अभिभावक कभी स्कूल ताे कभी शिक्षा विभाग ऑफिसाें में चक्कर काट रहे हैं। कई अभिभावक ऐसे भी हैं, जाे अपने बच्चाें की टीसी भी कटवाकर ले आए हैं। अब वह न ताे पिछले स्कूल में जा सकते हैं और न ही उनका एडमिशन अलाॅट हुए प्राइवेट स्कूलाें में हाे रहा है।
बच्चों को एडमिशन दिलाने के लिए बीईओ के तर्क...
ब्लाॅक 1
ज्यादातर बच्चाें काे दाखिला दिलवा दिया है। उनके पास अभी तक प्राइवेट स्कूलाें द्वारा 50 से 60 शिकायतें एडमिशन न देने की पहुंची है। बुधवार काे भी अभिभावक डीसी के पास पहुंच गए। अभिभावकाें की शिकायत सुनने के बाद प्राइवेट स्कूलाें काे ऑर्डर दिए कि बच्चाें काे दाखिला दिया जाए।- रामचंद्र, बीईओ
ब्लाॅक 2
एडमिशन प्राेसेस चल रहा है। काफी स्कूलाें काे उन्हाेंने बुधवार काे पत्र भेजा और पर्सनल फाेन भी किए। फरुखा खालसा स्कूल ने 15 बच्चाें के एडमिशन किए हैं। ज्यादातर अभिभावक लिखित में शिकायतें नहीं दे रहे। कई स्कूल एडमिशन भी नहीं कर रहे हैं। - रेनू अग्रवाल, बीईओ
नारायणगढ़
अभी तक ज्यादातर बच्चाें के एडमिशन नहीं हुए हैं। प्राइवेट स्कूल एडमिशन देने से साफ मना कर रहे हैं। वहीं, इसकाे लेकर एसडीएम के साथ मीटिंग भी हाे चुकी है। वीरवार काे डायरेक्टर के साथ एसाेसिएशन की मीटिंग है। - राकेश धीमान, बीईओ
अभी तक यह हुआ
16 दिसंबर काे शिक्षा विभाग ने 134-ए की संशाेधित सूची जारी की थी। जिसमें 1936 बच्चाें काे जिले में प्राइवेट स्कूल अलाॅट किए थे। इसके बाद से अभिभावक प्राइवेट स्कूलाें में दाखिले के लिए पहुंच रहे हैं, लेकिन प्राइवेट स्कूल हाईकाेर्ट में केस हाेने का हवाला देते हुए बच्चाें काे दाखिले नहीं दे रहे। मंगलवार काे माैलिक निदेशक ने भी पत्र जारी किया था। जिसमें कहा था कि 134-ए के तहत प्राइवेट स्कूल अलाॅट हाेने वाले अभिभावक स्कूल व ऑफिस के चक्कर काट रहे हैं। अभिभावक पंचकूला माैलिक निदेशक के ऑफिस में भी सीधे शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं।
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