कैंट-साहा जगाधरी हाईवे पर निरीक्षण करने पहुंचे एनएचएआई के प्रिंसिपल डायरेक्टर वीरेंद्र सिंह ने पाम के पेड़ कम ऊंचाई के लगे होने के मामले में कहा कि पाम के पेड़ को गाय खा गई है। डायरेक्टर ने ये भी कहा कि निर्माण एजेंसी सिगल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के पास पाम के पेड़ खाने की वीडियो भी है, लेकिन जब एजेंसी के साइट इंजीनियर जतिंद्र उर्फ मोंटी से वीडियो मांगी तो उन्होंने कहा कि अभी वीडियो उनके पास नहीं है। अभी भी हाईवे पर पाम के पेड़ को खाती गाय मिल जाएगी।
एजेंसी के साइट इंजीनियर ने ये भी कहा कि हाईवे पर पाम के 324 पेड़ लगे हैं, जिनके लिए ट्री गार्ड को मंगवाए गए हैं। एक ट्री गार्ड की कीमत लगभग एक हजार रुपए है। इस तरह इन पर करीब 3 लाख रुपए का खर्च आएगा। साइट इंजीनियर ने ये भी कहा कि नेशनल हाईवे अथारिटी ऑफ इंडिया की ओर से ट्री गार्ड का कोई खर्च नहीं दिया जा रहा है बल्कि एजेंसी अपने खर्च पर ही इसे लगा रही है। इसके अलावा एजेंसी उन पाम के पेड़ों की जगह दूसरे पेड़ लगाएगी, जहां पर लगाए गए पेड़ सूख गए हैं।
बता दें कि कैंट-साहा हाईवे का अभी शुभारंभ भी नहीं हुआ है और कई तरह की दिक्कतें सामने आ चुकी हैं। हाईवे का सीसी रोड बहुत सी जगहों पर टूट चुका है और एजेंसी रिपेयर कर चुकी है। अभी पाम के पेड़ों के मामले में भी निर्माण एजेंसी सवालों के घेरे में है। गृहमंत्री अनिल विज खुद पाम के पेड़ की ऊंचाई कम होने के मामले में जांच करने के आदेश दे चुके हैं।
डीसी की कमेटी की रिपोर्ट नहीं आई सामने : डीसी विक्रम सिंह ने भी इस मामले में एक जांच कमेटी गठित की थी, जिसमें चीफ इंजीनियर के अलावा एक्सईएन व जेई को शामिल किया गया था। लेकिन इस कमेटी को गठित किए गए करीब 20 दिन हो गए हैं और अभी तक कोई जांच रिपोर्ट सामने नहीं आ पाई है।
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