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दादुपुर-नलवी नहर डिनोटिफाई करने के बाद अब किसानों को जमीन वापस की जा रही है। जमीन वापस करने से पहले सिंचाई विभाग की ओर से जागरूक कैंप लगाए जा रहे हैं। दादुपुर नलवी की जमीन वापसी योजना के बारे में किसानों को जागरूक करने के लिए खारवन व सुढैल गांव में वीरवार को कैंप का आयोजन किया गया।
सिंचाई विभाग के एसई रवि शंकर मित्तल ने बताया कि कैंप लगाने के लिए दोनों गांव के सरपंच राजेंद्र सिंह और बलविंद्र सिंह एवं इस नहर से संबंधित किसान भी एकत्रित हुए। अधिकारियों द्वारा दादुपुर नलवी जमीन वापसी योजना के बारे में किसानों को जानकारी दी गई। इस विषय में किसानों द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर भी किसानों को दिए गए। एकत्रित हुए किसानों द्वारा इस योजना के बारे में अपने विचार एवं आपत्तियां सरकारी अधिकारियों से साझा की।
गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने दादूपुर नलवी सिंचाई स्कीम के लिए साल 2004 व उसके बाद अधिग्रहीत की गई जमीन के डिनोटिफाई का गजट नोटिफिकेशन दो वर्ष पहले जारी कर दिया है। सिंचाई व जल संसाधन विभाग ने करीब 830 एकड़ जमीन को इसमें शामिल किया है।
1985 में शुरू हुई थी योजना
बता दें कि दादूपुर नलवी योजना 1985 में शुरू की गई थी। यमुनानगर के साथ कुरुक्षेत्र और अम्बाला जिलों में सिंचाई और भू-जल की रिचार्जिंग के लिए 13 करोड़ रुपए की लागत के साथ इस परियोजना को सरकार ने मंजूरी दी थी। इस योजना के लिए 1987-90 के दौरान 190.67 एकड़ जमीन एक्वायर हुई थी, लेकिन इस योजना को आगे नहीं बढ़ाया जा सका। बाद में, अक्टूबर 2005 के दौरान सरकार द्वारा इस परियोजना को 267.27 करोड़ रुपए के साथ फिर से मंजूरी दी गई। इसमें शाहबाद फीडर, शाहाबाद डिस्ट्रीब्यूटरी और नलवी डिस्ट्रीब्यूटरी के साथ 590 क्यूसिक डिस्चार्ज के उपयोग के लिए 23 नंबर ऑफटेकिंग चैनलों का निर्माण किया जाना था। ये योजना सिरे नहीं चढ़ी।
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