आरसी फर्जीवाड़े में एसआईटी की टीम ने जगाधरी ई-दिशा केंद्र के ड्राइविंग लाइसेंस क्लर्क संजीव कुमार को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश कर 5 दिन के रिमांड पर लिया है। एसआईटी मेंबर एवं सीआईए वन इंचार्ज राकेश मटोरिया ने बताया आरोपी संजीव अम्बाला के गांव धनौरी का रहने वाला है।
आरोपी संजीव ने अमित और राजिंदर के साथ मिलकर फर्जी आरसी के फर्जीवाड़े में शामिल रहा है। राजेंद्र डांगी की गैर मौजूदगी में संजीव ही फर्जी आरसी की फाइल पर साइन करता था।
आरोपी से पूछताछ की जा रही है कि उसने फर्जी तरीके से कितनी आरसी बनाई हैं। राकेश मटोरिया ने बताया कि आरोपी से पूछताछ में और भी कई खुलासे होने की उम्मीद है। बता दें कि 14 जनवरी को सिरसा पुलिस ने जगाधरी में रजिस्टर्ड गाड़ियां पकड़ी। इनके रजिस्ट्रेशन में गड़बड़ी थी।
इस मामले में मामला दर्ज कर रोहतक के सुनील चिटकारा को गिरफ्तार किया। उसने जगाधरी एसडीएम ऑफिस के कर्मचारी राजेंद्र और अमित के मिले होने की बात कबूली। सिरसा सीआईए की टीम जगाधरी एसडीएम ऑफिस में रिकाॅर्ड लेने पहुंची तो एसडीएम दर्शन कुमार ने जांच में पाया कि जिन तीन वाहनों को सिरसा पुलिस ने पकड़ा उनकी फाइलें गुम हैं।
वहीं 16 फाइलों में गड़बड़ी मिली। इस पर उन्होंने भी एक एफआईआर हुडा जगाधरी थाने में कराई। इसके बाद बिलासपुर एसडीएम ने एफआईआर कराई कि उनके यहां से अमित ने 29 वाहनों का रजिस्ट्रेशन कराया।
अमित ने सिरसा कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। उसे सिरसा और यमुनानगर पुलिस ने 31 दिन तक रिमांड पर रखा और लाखों रुपए की रिकवरी की। वहीं इस फर्जीवाड़े में जगाधरी एसडीएम ऑफिस के एमआरसी राजेंद्र कुमार, बिलासपुर एसडीएम ऑफिस के एमआरसी संजीव समेत दो डीलर गिरफ्तार हो चुके हैं।
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