जिले में धान खरीद शुरू होने के पहले दिन ही बवाल हो गया। जगाधरी अनाज मंडी में सुबह से आढ़तियों में सुलग रहा आक्रोश दोपहर होते-होते उफान ले गया। उन्होंने किसानों व मजदूरों के साथ यमुनानगर-अम्बाला रोड पर कोर्ट कांप्लेक्स के सामने जाम लगा दिया। सड़क पर तीन ट्रैक्टर-ट्राॅली अड़ा दीं। सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। उन्होंने धान खरीद शुरू कराने व नियमों की आड़ लेकर किसानों व व्यापारियों का शोषण बंद करने की मांग भी की। वहीं किसानों ने कहा कि उनकी फसल में तय नियम के मुताबिक नमी है। गेट पास है और पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन भी कराया है। फिर उनकी फसल को क्यों नहीं खरीदा जा रहा। अधिकारी इसका जवाब दें, लेकिन किसी अधिकारी के पास कोई जवाब नहीं था। इससे बात और बिगड़ गई।
जाम की सूचना मिलने पर डीएसपी हेडक्वार्टर सुभाष चंद, नायब तहसीलदार ओम प्रकाश व मार्केट कमेटी सचिव ऋषिराज यादव मौके पर पहुंचे पर बात नहीं बनी। इसके बाद कुछ आढ़तियों के साथ कई घंटे मार्केट कमेटी कार्यालय में तीनों अधिकारियों ने बात की पर जब कोई नतीजा नहीं निकला तो एसडीएम दर्शन कुमार ने मोर्चा संभाला। वे भी शाम 5 बजे तक आढ़तियों व किसानों को मनाने में सफल नहीं हो सके थे। शाम तक अधिकारियों व आढ़तियों की वार्ता जारी थी। ट्रैफिक पुलिस ने ट्रैफिक को डायवर्ट कराया।
अधिकारियों को मंडी में सुबह से गड़बड़ी की आशंका थी
प्रशासनिक अधिकारियों को मंडियों में पहले ही गड़बड़ी की आशंका थी इसीलिए सुबह प्रशासनिक अधिकारियों ने मंडी का दौरा किया था। इसके बाद पूरी स्थिति से उच्चाधिकारियों तक मामले की रिपोर्ट दी थी।
खरीद न होने की मुख्य वजह मिलर्स से सरकार का अनुबंध न होना
प्रशासनिक अधिकारियों की मानें तो अभी तक सरकार व राइस मिलर्स के बीच धान की मिलिंग को लेकर कोई एग्रीमेंट नहीं हुआ है जबकि यह पहले हो जाना चाहिए था। किसान डीसी आॅफिस परिसर में धान से भरी ट्राॅली लेकर पहुंच गए। जिस स्थान पर डीसी की गाड़ी खड़ी होती है, वहां धान अनलोड कर दी। किसानों ने कहा कि अब अधिकारी ही बताएं कि वे धान को कहां पर बेचें। अनाज मंडी एसोसिएशन के जिला प्रधान शिवकुमार संधाला का कहना है कि हड़ताल हमने नहीं, सरकार ने कराई है।
हम आज फिर रोड जाम करेंगे, अगर धान नहीं खरीदी
भाकियू नेता हरपाल सुढल का कहना है कि किसानों ने मजबूरी में रोड जाम किया और डीसी ऑफिस के सामने धान डाली क्योंकि न तो मंडी में किसान की धान बिक रही और न ही मंडी के बाहर। डीसी ने बुधवार से खरीद सही होने का आश्वासन दिया है। अगर फिर ऐसी स्थिति रही तो फिर किसान रोड जाम करेंगे।
विरोध की दो बड़ी वजह
1. आढ़तियों का कहना है कि नए सिस्टम में किसानों को उनके रजिस्टर नंबर पर एसएमएस भेजा जाएगा कि अगले दिन मंडी में धान लेकर आ जाओ। किंतु एक दिन पहले मैसेज आने पर जमीदार फसल कटाई करने व ट्रैक्टर-ट्राॅली व अन्य साधन जुटाने से लेकर लेबर का प्रबंधन करने में असमर्थ है। ऐसे में उनकी मांग है कि पहले की तरह सुबह व दोपहर में अलग-अलग टाइम में किसानों की निर्धारित संख्या तय कर मंडी में एंट्री दी जाए।
2. सरकार ने 17 प्रतिशत नमी पर ही खरीद के निर्देश दिए हैं। आढ़तियों का कहना है कि मंडियों में 4 लाख गेहूं के कट्टे पड़े हैं और धान को सुखाने को जगह कम है। 17 प्रतिशत नमी की शर्त किसी भी सूरत में मंजूर नहीं है। पहले की तरह एक दो प्रतिशत नमी पर काट के नियम पर खरीद की छूट दी जाए।
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