ट्विनसिटी (यमुनानगर-जगाधरी) में बुधवार सुबह सवा सात से दोपहर एक बजे तक पांच घंटे लगातार बारिश हुई। यमुनानगर में जहां रुक-रुक बौछार होती रहीं। वहीं, जगाधरी में बीच में करीब आधे घंटे तेज बरसात रही। इससे जगाधरी में मुख्य मार्गों से कई कॉलोनियों में डेढ़ से दो फुट तक जलभराव हाे गया।
यमुनानगर में जगाधरी से आ रहे बड़े सहित अन्य नालों में क्षमता से ज्यादा आया पानी ओवरफ्लो होकर साथ लगती कॉलोनियों में भर गया। दोनों शहरों में बारिश रुकने के एक-डेढ़ घंटे बाद जाकर पानी खुद नाले-नालियों के रास्ते उतरा तो लोगों को राहत आई।
पहली बरसात में ये हालात देख वार्ड पार्षदों से लेकर दुकानदार व निवासी नगर निगम प्रशासन को काेसते दिखे। कइयाें ने फोटो-वीडियो सोशल मीडिया पर डाल भड़ास निकाली। बता दें कि जगाधरी जोन में बुधवार सुबह आठ बजे तक पिछले 24 घंटों की 34 एमएम बरसात रिकॉर्ड हो चुकी थी।
इसके बाद दोपहर एक बजे तक आठ एमएम बरसात हो गई। इस तरह 29 घंटों में करीब 42 एमएम बरसात होने से जोन में शामिल यमुनानगर, जगाधरी व वर्कशॉप के शहरी व ग्रामीण इलाकों में कई जगह जलभराव के हालात बने।
ज्यादा बरसात जगाधरी एरिया में होने से जलभराव की दिक्कत भी यहीं ज्यादा रही, जहां रेलवे रोड, वाल्मीकि बस्ती, झंडा चौक, सेंट थॉमस स्कूल रोड, डीडी अग्रवाल स्कूल राेड, बूड़िया गेट रोड सहित पास लगती कॉलोनियों में डेढ़ से दो फुट तक जलभराव रहा। यहां बने कई घरों व दुकानों में भी पानी आया, जिसे दिनभर लोग बाहर निकाले में जुटे रहे।
यमुनानगर में 5 घंटे चली बौछार में जगाधरी से आते बड़े समेत अन्य नाले क्षमता से अधिक पानी आने पर ओवरफ्लो होने लगे। यहां विजय कॉलोनी, लाजपतनगर, आजादनगर, शांति कॉलोनी जैसे निचले इलाकों में बरसाती पानी भरा। निकासी के लिए नाले-नालियों के साथ सीवरेज सिस्टम भी फेल दिखे, जिससे ब्लॉक होने से गंदा पानी गलियों में पानी बहने लगा।
जलभराव से बचाव के 1.17 करोड़ के काम रुके
मानसून से ऐन पहले लगे नगर निगम ने 1.17 करोड़ एस्टिमेट से होने वाले जलभराव से बचाव के काम शुरू कराए। किंतु माननीय के नारियल फोड़ने के बाद खुदाई शुरू ही हुई थी कि मंगलवार-बुधवार को बरसात हो गई। अब यह काम बीच में रोकने पड़ गए हैं, जो अभी जलभराव से राहत कम आफत ज्यादा बन गए हैं क्योंकि इन कामों की साइट पर मलबा व निर्माण सामग्री सड़क पर हैं, जो निकासी के साथ यातायात के आवागमन में भी बाधा बन रहे हैं।
ये काम लटके-
ये काम अधर में-
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