पाएं अपने शहर की ताज़ा ख़बरें और फ्री ई-पेपर
Install AppAds से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
मंगलवार को भारत बंद का बाजार में असर नहीं दिखा लेकिन सड़कों पर असर जरूर दिखा। किसानों ने चार जगह रोड जाम किया। अम्बाला रोड पर टोल प्लाजा पर मुख्य कार्यक्रम हुआ। यहां 11 से तीन बजे तक किसान नेशनल हाइवे पर बैठे रहे। एंबुलेंस को छोड़कर किसी को नहीं जाने दिया। वहीं बूड़िया चौक पर पांवटा नेशनल हाईवे पर 45 मिनट, गांव कैल के पास 40 मिनट, गुमथला में करनाल-यमुनानगर रोड तीन घंटे तक जाम रखा।
इस दौरान कई जगह बाराती भी फंस गए। किसानों के बीच पहुंचे विपक्षी नेताओं को जमीन पर बैठने के लिए जगह तो मिली लेकिन भाषण के लिए माइक नहीं मिला। यहां किसानों के लिए दूध, चाय, खाना व फलों का लंगर लगा। वहीं भारत बंद में बाजार की बात करें तो सुबह शहर से लेकर कस्बे के बाजार देरी से खुले। 90 प्रतिशत बाजार खुला था। लोग घरों से कम निकले। सड़कें सुनसान रही। सरकारी दफ्तरों में कर्मचारी फ्री बैठे रहे।
रोडवेज सेवा चार घंटे बंद रही। डीसी मुकुल कुमार हालात का जायजा लेने खुद कई जगह गए। वहीं एसडीएम दर्शन कुमार ने माली गुड़िया चौक व हाईवे पर टोल प्लाजा का निरीक्षण किया। टोल प्लाजा पर भारतीय किसान यूनियन चढूनी गुट, मान गुट समेत अन्य किसान संगठन के किसान थे। चढूनी गुट से संजू गुंदियाना, कृष्णपाल सुढल, मंदीप रोड छप्पर मान गुट से सुभाष गुर्जर, एडवोकेट साहब सिंह गुर्जर व अन्य थे।
कांग्रेसियों ने पहले अपना कार्यक्रम किया, फिर किसानों के बीच पहुंचे| कांग्रेसियों की ओर से पार्टी हाईकमान के निर्देश पर पहले लघु सचिवालय के सामने प्रदर्शन किया गया। इसके बाद यहां से किसानों को समर्थन देने के लिए टोल प्लाजा पर पहुंचे। यहां कांग्रेसी नेता किसानों के बीच बैठे रहे। किसानों ने पहले ही ऐलान किया था कि नेताओं को मंच नहीं दिया जाएगा। कांग्रेस की ओर से विधायक डॉक्टर बीएल सैनी, विधायक रेणू बाला, वरिष्ठ नेता गुरदयालपुरी, चेयरमैन राणा आस मोहम्मद, अमरजीत सिंह कोहली व अन्य नेता पहुंचे थे।
शिक्षा मंत्री को सहना पड़ा किसानों का विरोध
बसपा नेता आदर्श पाल के नेतृत्व में किसानों ने प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि किसानों का यह आंदोलन अब सभी के समर्थन से जन आंदोलन का रूप ले चुका है। यहां से सैकड़ों की संख्या में किसान दिल्ली कूच के लिए रवाना हुए। उधर, शिक्षा एवं वन मंत्री कंवरपाल को भारतीय किसान यूनियन व अन्य संगठनों से जुड़े किसानों का विरोध सहना पड़ा। प्रताप नगर के आसपास के सैकड़ों किसान दुकानें बंद करने की अपील करते घूम रहे थे। इसी बीच शिक्षा एवं वन मंत्री कंवरपाल अपने खिजराबाद में एक शादी समारोह में भाग लेने के बाद वापस लौट रहे थे। इसी बीच किसानों ने उनके काफिले को देखकर नारेबाजी शुरू कर दी। एसएचओ प्रतापनगर ने पुलिस जवानों के साथ मंत्री के काफिले की सभी गाड़ियों को घेर लिया और किसानों के विरोध के बीच सुरक्षित आगे निकल पाए।
पॉजिटिव- आज समय कुछ मिला-जुला प्रभाव ला रहा है। पिछले कुछ समय से नजदीकी संबंधों के बीच चल रहे गिले-शिकवे दूर होंगे। आपकी मेहनत और प्रयास के सार्थक परिणाम सामने आएंगे। किसी धार्मिक स्थल पर जाने से आपको...
Copyright © 2020-21 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.