जिस तरह जिला भिवानी बॉक्सिंग खेल में अपने खिलाड़ियों की उपलब्धियों के कारण देश के मानचित्र पटल पर मिनी क्यूबा के नाम से प्रसिद्ध है, उसी प्रकार वह दिन दूर नहीं जब बवानीखेड़ा का गांव अलखपुरा फुटबाल के क्षेत्र में अपनी उपलब्धियों की बदौलत मिनी अर्जेंटीना के नाम से प्रसिद्धि पाएगा। अलखपुरा गांव में गत कुछ वर्षों में यहां के बच्चों विशेषकर लड़कियों ने फुटबाल में राष्ट्रीय स्तर पर जो उपलब्धियां हासिल की हैं, उससे न केवल गांव का बल्कि पूरे जिले व प्रदेश का नाम रोशन हुआ है तथा मान बढ़ा है।
यह बात मंगलवार काे डीसी आरएस ढिल्लो ने गांव अलखपुरा के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय परिसर में ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कही। डीसी आरएस ढिल्लो ने गांव अलखपुरा को ग्राम पंचायत संरक्षक योजना के तहत गोद लिया हुआ है। इस योजना के तहत प्रत्येक क्लास वन अधिकारी को एक-एक गांव गोद लेकर वहां के विकास कार्यों को गति प्रदान करना है। इस कड़ी में मंगलवार को डीसी अपने गोद लिए हुए गांव अलखपुरा में ग्रामीणों एवं प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक लेने पहुंचे थे।
इस दौरान ग्रामीणों ने गांव में पार्क बनाने की मांग की। पार्क निर्माण को लेकर डीसी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि शीघ्र अतिशीघ्र इस पार्क का लेआउट प्लान बनाकर उनके पास भेजा जाए, चूंकि यह गांव स्पोर्ट हब के रूप में विकसित हो रहा है। इसलिए इस पार्क को स्पोर्ट थीम पर ही विकसित किया जाएगा। गांव में जिम बनाने व लाइब्रेरी में किताब उपलब्ध करवाने की मांग पर डीसी ने जिला खेल अधिकारी को निर्देश दिए कि गांव की व्यायामशाला व जिम्नेजियम को आधुनिक रूप देने के लिए हर संभव संसाधन दिए जाएं।
युवाओं की रूचि के अनुसार प्रशासन द्वारा यहां की लाइब्रेरी में किताबों की व्यवस्था करवाई जाएगी। बच्चों की करियर काउंसलिंग के लिए स्कूल में कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों से प्राचार्यों की सहायता से सेमीनार करवाए जाएंगे। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे नेहरू युवा केंद्र या अन्य युवा संगठनों से जुड़कर गांव में नशाखोरी के विरूद्ध अभियान चलाएं और युवाओं को प्रेरित करें कि नशे की आदतों से दूर रहें।
इस गांव में 16 महिला स्वयं सहायता समूह हैं कार्यरत
गांव की महिला स्वयं सहायता समूहों के कार्य की समीक्षा करते हुए डीसी ने कहा कि ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत इस गांव में 16 महिला स्वयं सहायता समूह कार्यरत हैं। प्रशासन द्वारा पंचायती जमीन पर फलों के बाग लगाने की एक योजना पर कार्य चल रहा है। पंचायती जमीन पर प्रशासन द्वारा फलों के बाग लगाए जाएंगे, जिनकी देखभाल महिला स्वयं सहायता समूह करेंगी। आगामी 25 सालों तक जो आमदनी होगी, उसे इन महिला स्वयं सहायता समूहों व पंचायत के बीच में बांटा जाएगा। इसके साथ-साथ प्रशासन द्वारा हर घर में एक फलदार पेड़ लगाया जाएगा। इसके लिए हर घर से डाटा एकत्रित किया जा रहा है।
बैठक में डीसी ने ग्रामीणों की पेयजल समस्या पर समीक्षा करते हुए पब्लिक हेल्थ के अधिकारियों को निर्देश दिए कि गांव में बने हुए जलघर की तीनों टैंकों की मरम्मत व आरओ स्थापित करने का एस्टीमेट एक महीने के भीतर बनाकर उनके समक्ष पेश करें। इसके साथ-साथ उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को गांव से बरसाती पानी की समुचित निकासी की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए। डीसी ने बताया कि अलखपुरा से बवानीखेड़ा तक सड़क का टेंडर एक महीने में लग जाएगा। ग्रामीणों की मांग पर एक अन्य आठ करम की सड़क का निर्माण करवाया दिया जाएगा। उन्होंने मौके पर मौजूद बीडीपीओ रविन्द्र दलाल को निर्देश दिए कि गांव के शिवधाम की चार दीवारी को दुरुस्त करवाने के साथ-साथ इसका सौंदर्यीकरण भी करें।
जानिए.. ये भी : इस मौके पर जिला परिषद के पूर्व चेयरमैन सुनील लांबा ने बताया कि अलखपुरा गांव को सेठ छाजुराम के गांव के नाम से भी जाना जाता है, जो एक महान समाज सेवी व देशभक्त थे। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान सेठ छाजू राम ने भगत सिंह को कोलकाता के अपने घर में शरण दी थी। उन्होंने घंटाघर चौक पर चैरिटी अस्पताल का निर्माण भी करवाया था। कार्यक्रम के दौरान गांव के पवन राठी, संदीप राठी, हरित राठी, सुरेश जाखड़ आदि ग्रामीणों ने डीसी का बुक्के देकर सम्मानित किया।
गांव की सुदेश व स्वयं सहायता समूह की महिलाएं एवं पर्यावरण प्रेमी शारदा जाखड़ ने डीसी के समक्ष ग्राम विकास संबंधी अपनी बात रखी। डीसी आरएस ने इस अवसर पर विद्यालय परिसर में जामुन का पौधा लगाया। इस अवसर पर विभिन्न विभागों के अधिकारी व निवर्तमान सरपंच संजय चौहान सहित गांव के मौजिज लोग, बच्चे एवं खिलाड़ी भी उपस्थित थे।
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