प्रतियोगिता से प्रतिस्पर्धा की भावना को बढ़ावा मिलता है। आज के प्रतियोगी युग मे प्रतिस्पर्धा की भावना का चेतन होना आवश्यक है। यह बात शारदा महिला महाविद्यालय सिंघानी में भजन गायन प्रतियोगिता का शुभारंभ करते हुए प्राचार्य डॉक्टर सरिता ने कही। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ किया। भजन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान रुणि कुंडल के भजन भक्त के बस में है भगवान, दूसरा स्थान युविका ढिगावा, बबीता बारवास व नेहा जुई के सयुंक्त भजन छोटी छोटी गइंया को और तीसरा स्थान पूजा बरालु के भजन भला किसी का कर ना सको तो बुरा किसी का ना करना... को मिला।
कार्यक्रम के समापन पर संस्था के कॉर्डिनेटर नवीन कुमार ने कहा कि वैज्ञानिक युग मे इस तरह की प्रतियोगिताओं के सहारे संस्कृति के महत्व को नई पीढ़ी में लाया जा सकता है। आध्यात्म और संस्कृति को बचाने व प्रतियोगी भावना में यह प्रतियोगिता विशेष सहयोगी रहेगी। यहां महाविद्यालय स्टाफ व छात्राएं उपस्थित रही।
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