ग्रामीण क्षेत्रों में पीने लायक पानी की समस्या विकराल रूप धारण करती जा रही है। कस्बे की 30 हजार रोजाना करीबन 1 लाख लीटर पीने का पानी हैंडपंपों से लेकर आती है जबकि गांव की बहू-बेटियां सिर पर पानी ढोने के लिए मजबूर है।
यहां से पीने का पानी लाना पड़ता है
ग्रामीणों और महिलाओं को घरों में पीने का पानी जलघर स्थित दो हैंडपंप, जलघर के वाटर स्टोरेज टैंक के पास स्थित जहारवीर गोगा पीर स्थित दो हैंडपंपों, मालकोष रोड स्थित कुईं और हैंडपंप, कटेसरा रोड स्थित हैंडपंप और कुईं, ऊण रोड पर सांजरवास माइनर स्थित हैंडपंप से बाइकों, कारों, साइकिलों, बुग्गी, खच्चर- रेहड़ी, ऑटो रिक्शा से पानी लाना पड़ता है। जबकि महिलाओं को सिर पर बंटों और मटकों से पानी ढोना पड़ता है। पानी भरने के लिए आधा घंटे से एक घंटा तक इंतजार करना पड़ता है।
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